
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन का इंतजार नहीं करना चाहिए। WHO के वेस्टर्न पैसिफिक रीजनल डायरेक्टर ताकेशी कसई के अनुसार, देशों को कोविड-19 के प्रति अपने को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर ज्यादा निर्भर न रहें क्योंकि शुरुआत में ज्यादा डिमांड के चलते उसकी पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाएगी। सीएनएन के अनुसार, मीडिया ब्रीफिंग में ताकेशी ने कहा, “जब तक सारे देश सुरक्षित नहीं होते, कोई देश सुरक्षित नहीं है। हमें अपनी प्रतिक्रिया को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए, सिर्फ वैक्सीन से उम्मीद मत लगाइए।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मीटिंग के बाद कहा है कि एक्सपर्ट ग्रुप लगातार इस बारे में चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, “एक तरफ वैज्ञानिक कोविड-19 वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं तो हम भी फाइनल प्रॉडक्ट हासिल करने में लगे हैं। ताकि हमारे लोगों के लिए टीके की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। एक्सपर्ट ग्रुप लगातार वैक्सीन निर्माताओं के साथ मिलकर उत्पादन, निर्धारित मूल्य और डिस्ट्रीब्यूशन पर चर्चा कर रहा है।”
वहीं दूसरी ओर भारत लगातार कोविड-19 से जंग लड़ रहा है।
भारत के कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, तो दूसरी ओर उसके संक्रमण से प्रभावित हुए मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पर सकुशल लौट रहे हैं
भारत बायोटेक और ICMR ने मिलकर जो वैक्सीन तैयार की है, उसके फेज 1 ट्रायल के नतीजे आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन सेफ पाई गई है। किसी भी वॉलंटियर में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए। अगले स्टेप में वैक्सीन के प्रभाव को आंका जाएगा। पहले फेज में 12 जगहों पर 375 वॉलंटियर्स पर ट्रायल हुआ था।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इसी हफ्ते से यूनविर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की बनाई वैक्सीन का ट्रायल शुरू करेगा। ‘कोविशील्ड’ नाम की इस वैक्सीन के लिए SII और अस्त्राजेनेका के बीच डील हुई है।
भारत ने अभी तक किसी कंपनी से डील नहीं की है मगर टीका हासिल करने की कोशिश में जुट गया है। कोरोना टीके को लेकर बने एक्सपर्ट ग्रुप ने सोमवार को देश की दिग्गज फार्मा कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी। इसी मीटिंग में 5 कंपनियों से आगे का रोडमैप तैयार करके देने को कहा गया है।