सूर्य उत्तरायण पर्व “मकर सक्रांति” को कब और कैसे मनाये: ज्योतिषचार्य नेहा श्री


आज हम बात करते हैं मकर संक्रांति के बारे में।मकर संक्रांति उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है। वैसे तो यह है फसल की कटाई का त्यौहार है ।
ज्योतिषीय विवेचना ज्योतिषीय विवेचना की जाए तो संक्रांति माने सूर्य का राशि परिवर्तन।मकर संक्रांति में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। अभी तक सूर्य धनु राशि में थे। मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि में यानी शनि के घर में जाएंगे।इसे ऐसे देखा जा सकता है जब कोई पिता अपने पुत्र के घर जाता है तो वह प्रसन्न होता है कि मेरा पुत्र सफल है, और अपना कार्य कुशलता से करता है।परंतु पुत्र को देखकर पिता कुछ ना कुछ सुधार करने का प्रयत्न अवश्य करते हैं। इस दिन से सूर्य उत्तरायण माने जाते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य और शनि दोनों की ही पूजा करने का विधान है। सूर्य आत्मा के कारक और शनि आयुष कारक है।
दान मकर संक्रांति के दिन किया गया दान अन्य दिनों की अपेक्षा किए गए दान से अधिक महत्व रखता है। इस दिन विशेष रूप से तिलों का दान किया जाता है। तिलों का दान यह दर्शाता है कि जितने तिल मेरे द्वारा दान किए हैं यदि उतने ही रोम मेरे शरीर पर हैं और उतने ही पाप मेरे द्वारा किए गए हैं तो ईश्वर उनको क्षमा करे।
कब मनाएं मकर संक्रांति मनाने में बहुत से लोगों को दुविधा है कि 14 जनवरी को मनाए या 15 जनवरी को। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि पर्व दिन के समय मनाया जाएगा तो सूर्योदय के समय जो तिथि होती है उसके अनुसार ही पूजन होगा ।यदि पूजन रात्रि कालीन है जैसे करवा चौथ आदि उस समय यह देखा जाता है कि रात में कौन सी तिथि है।इस बार सन 2022 में 14 जनवरी की दोपहर से संक्रांत है जो 15 जनवरी की दोपहर तक रहेगी। अतः 15 जनवरी सूर्योदय के समय संक्रांति तिथि है। इसी कारण संक्रांत पूजन व दान 15 जनवरी को करना उचित है।
पूजन विधि मकर संक्रांति के दिन सुबह उठकर घर को साफ करके स्नान के पश्चात सूर्य को तांबे के लोटे से जल अवश्य दें। इस जल में अक्षत रोली व गुड़ अर्पण करें। तिल के लड्डू,रेवड़ी,काली उड़द की दाल व चावल की खिचड़ी,गुड़, मूली व धन आदि का दान करें। अपने परिवार की कन्याओं को कुछ ना कुछ उपहार अवश्य दें ।ऐसा माना जाता है कि सौ ब्राह्मण के बराबर घर की एक कन्या है। ब्राह्मणों को दान देने के उपरांत घर की कन्या को कुछ उपहार अवश्य दें।
भोलेनाथ सब पर कृपा करें।