
अनुभव अवस्थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना बयान दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सभा में आज कहा,
हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये एक प्रेरक अवसर है। हम जहां हों, मां भारती की संतान के रूप में आज़ादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए।
अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई।प्रधाननंत्री ने कहा कि हमने बुद्धिजीवी सुने थे लेकिन अब आंदोलनजीवियों की एक नई जमात आ गई है जो हर आंदोलन में दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके हमें इनसे बचना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है जो भारत को अस्थिर करना चाहते हैं। वहीं देश के किसानों के लिए कहा कि किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एमएसपी था, है और हमेशा रहेगा। हमारे देश में मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि हमने सीमा सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखा है।
राष्ट्रपति का भाषण नए आत्मविश्वास से भरा हुआ था
अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘पूरा विश्व चुनौतियों से जूझ रहा है। राष्ट्रपति का भाषण नए आथ्मविश्वास वाला रहा। मैं राष्ट्रपति जी का तहे दिल से आभार व्यक्त करने के लिए आप सभई के सामने प्रस्तुत हुआ हूं। मैं सांसदों का भी आभार व्यक्त करता हूं।’
सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया
प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में उपस्थित सदस्यों के लिए कहा कि आप करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे। इसलिए मैं सभी आदरणीय सदस्यों का हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं।अगर हम पूरी दुनिया को देखें और इसकी तुलना भारत के युवा दिमाग से करें, तो ऐसा लगता है कि भारत अवसरों की भूमि में बदल गया है। पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच।
कोरोना से जंग जीतने का यश भारतवासियों को, सब ने मिलकर योगदान दिया
कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है। लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है?
भारत ने अपने नागरिकों को एक नए दृष्टिकोण और एक फ्रेम के साथ बचाने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से लड़ाई लड़ी। हमें रास्ते तलाशने, तरीके बनाने और लोगों को बचाना था। पूरे देश ने अच्छा प्रदर्शन किया और दुनिया स्वीकार करती है कि भारत ने मानव जाति को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जताई थीं। विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत, पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई। कोरोना काल में दुनिया में लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं लेकिन भारत में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। तथ्य बता रहे हैं कि अनेक देशों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है जबकि दुनिया भारत में डबल डिजिट ग्रोथ का अनुमान लगा रही है।
आर्थिक क्षेत्र में भारत की एक नई छवि बनकर सामने आया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना संक्रमण के दौर से गुजरने पर आर्थिक क्षेत्र में आज भारत की एक नई छवि बन रही है। कोरोना काल में दुनिया के लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं। लेकिन भारत है जहां रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। एक तरफ निराशा का माहौल है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान में आशा की किरण नजर आ रही है। दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है।
उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं। हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है। हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है।लोकतंत्र पर जो लोक शक उठाते हैं, भारत की मूलभूत शक्ति पर जो शक उठाते हैं, उनको मैं कहूंगा कि इसे समझने का प्रयास करें। हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है।
गरीबों के प्रति समर्पित है हमारी सरकार
भारत मोबाइल फोन के निर्माता के रूप में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बना है। भारत में रिकॉर्ड संख्या में स्टार्टअप, यूनिकॉर्न जिसकी विश्व में जय-जय कार होने लगी है। रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में विश्व में पहले पांच देशों में हमने अपनी जगह बना ली है।
मुझे नेता के रूप में जब चुना गया था तो मैंने पहले भाषण में कहा था कि मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। मैं आज दोबारा आने के बाद भी यही दोहरा रहा हूं। उसी मिजाज के साथ हम काम कर रहे हैं। आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है। आज भारत में अन्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत आज दुनिया में दूसरा बड़ा देश है जहां पर इंटरनेट यूजर्स हैं।गांव और शहर की खाई को अगर हमें पाटना है तो उसके लिए आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना होगा।
किसानों को भरोसा दिलाया एमएसपी था, है और भविष्य में भी रहेगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कांग्रेस और सभी दलों ने कृषि सुधारों की बात कही है। पिछले 2 दशक से ये सारी बातें चल रही हैं। ये समाज परिवर्तनशील है। आज के समय हमें जो सही लगा उसे लेकर चलें, आगे नई चीजों को जोड़ेगें। रुकावटें डालने से प्रगति कहां होती है।2014 के बाद हमने कुछ परिवर्तन किया, हमने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा दिया ताकि किसान, छोटा किसान भी उसका फायदा ले सके। पिछले 4-5 साल में फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को दिए गए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। इसे विभाजन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। यह 1984 के दंगों के दौरान सबसे ज्यादा रोया था। वे सबसे दर्दनाक घटनाओं के शिकार हुए। जम्मू-कश्मीर में मासूमों की हत्या कर दी गई। हथियारों का कारोबार उत्तर पूर्व में किया जाता था। इस सबने राष्ट्र को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए। शरद पवार जी, और कांग्रेस के लोग, सभी … सभी सरकारें कृषि सुधारों के लिए खड़ी हुई हैं। वे ऐसा करने में सक्षम थे या नहीं, लेकिन सभी ने वकालत की है कि यह किया जाना चाहिए। भारत को सिखों के योगदान पर बहुत गर्व है। यह एक ऐसा समुदाय है जिसने राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया है। गुरु साहिबों के वचन और आशीर्वाद अनमोल हैं। एमएसपी था। एमएसपी है। भविष्य में भी एमएसपी बना रहेगा। गरीबों के लिए किफायती राशन जारी रहेगा। मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
हमें देश को आगे ले जाना होगा, आइए साथ मिलकर चलें
भारत की युवा शक्ति पर हम जितना जोर लगाएंगे, हम जितने अवसर उनको देंगे, मै समझता हूं कि वो हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत नींव बनेंगे।गांव और शहर की खाई को अगर हमें पाटना है तो उसके लिए आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना होगा। मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। आइए मिलकर चलें। कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं, ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है। कुछ लोग उनके लिए जो भाषा बोलते हैं, उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं इससे कभी देश का भला नहीं होगा।
हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में क्या हुआ। इन सभी ने एक या दूसरे तरीके से राष्ट्र को चोट पहुंचाई है। इस प्रकार, हमने इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से काम किया है। भारत अस्थिर, अशांत रहे इसके लिए कुछ लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं हमें इन लोगों को जानना होगा। जो लोग उछल-उछल कर राजनीतिक बयानबाज़ी करते हैं, उनके राज्य में जब उनको मौका उन्होंने इसमें से आधा-अधूरा कुछ न कुछ किया है।
देश में एक एक नई जमात सामने आई आंदोलन जीवियों की इनसे बचने की जरूरत
चुनौतियां तो हैं। लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में हो रहे आंदोलन को लेकर कहा कि पिछले कुछ सालों में एक नई जमात सामने आई है, आंदोलन जीवियों की। ये वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, सब जगह पहुंच जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। देश को इन आंदोलनजीवियों से बचाने की जरूरत है। “भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम से प्रेरित है।”ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस का है।
मैं महामारी के दौरान जबरदस्त धैर्य दिखाने के लिए महिलाओं को पर्याप्त रूप से धन्यवाद नहीं दे सकता। परेशानी के समय में उन्होंने अपने परिवार को किस तरह से संभाला।
आत्मानिर्भर भारत तभी संभव है जब हर कोई इसमें भाग ले। कोविड के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि देश भर की महिलाओं को किसी बड़ी चुनौती का सामना न करना पड़े। हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं।
इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। जल, थज, नभ, अंतरिक्ष भारत हर क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए अपने सामर्थ्य के साथ खड़ा है।
सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक भारत की कैपेबिलिटी को दुनिया ने देखा है।