‘हमें 130 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर, उन्हें साथ जोड़कर आज़ादी के 75 साल का ये पर्व मनाना है – आजादी का अमृत महोत्सव की वर्चुअल सम्मेलन में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा
अनुभव अवस्थी
एक तरह से प्रयास ये है कि कैसे आजादी के 75 साल का ये आयोजन आजादी का ये अमृत महोत्सव, भारत के जन-जन का, भारत के हर मन का पर्व बने।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में समारोहों की तैयारी से संबंधित गतिविधियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को राष्ट्रीय समिति की पहली वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। केंद्र सरकार ने इस 75वें वर्षगांठ को ‘अमृत महोत्सव’ के रूप में आयोजित करने का फैसला किया है। आजादी के 75 वर्ष अगले वर्ष यानि 2022 के 15 अगस्त को पूर्ण होगा। बता दें कि यह समिति आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की तैयारी के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार करेगी।
आजादी का अमृत महोत्सव भारत के हर मन का पर्व बने।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमें 130 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर, उन्हें साथ जोड़कर आज़ादी के 75 साल का ये पर्व मनाना है। जनभागीदारी इस आयोजन की, इस उत्सव की मूल भावना है। एक तरह से प्रयास ये है कि कैसे आजादी के 75 साल का ये आयोजन आजादी का ये अमृत महोत्सव, भारत के जन-जन का, भारत के हर मन का पर्व बने।उन्होंने कहा, ‘ये वर्ष जितना ऐतिहासिक, गौरवशाली है, देश के लिए जितना अहम है, देश उसे उतनी है भव्यता और उत्साह के साथ मनाएगा। हमारा सौभाग्य है कि समय ने, देश ने इस महोत्सव को साकार करने की जिम्मेदारी हमें दी है।’
आजादी का ये पर्व ऐसा हो जिसमें सनातन भारत के गौरव की भी झलक हो,
आज भारत वो सब कर रहा है, जिसकी कुछ साल पहले तक कल्पना नहीं होती थी।आज़ादी के 75 साल जब देश मनाएगा, तो देश उन लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ेगा, उन्हें प्राप्त करने के लिए मजबूत कदम उठाएगा, जो कभी असंभव लगते थे।आज़ादी के 75 साल का ये पर्व एक ऐसा पर्व होना चाहिए जिसमें स्वाधीनता संग्राम की भावना, उसका त्याग साक्षात अनुभव हो सके। जिसमें देश के शहीदों को श्रद्धांजलि भी हो और उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प भी। जिसमें सनातन भारत के गौरव की भी झलक हो, जिसमें आधुनिक भारत की चमक भी हो। मुझे खुशी है कि ये कमेटी अपने इस कर्तव्य के लिए कड़ी मेहनत के साथ जो आशा-अपेक्षाएं हैं, जो सुझाव आए हैं और जो आते रहेंगे, जन-जन तक पहुंचने का जो प्रयास है उसमें कोई कमी नहीं रहेगी।’
यह आयोजन 75 वर्षों की उपलब्धि को दुनिया के सामने रखने का मौका होगा।
उन्होंने कहा, ‘कई ऐसे लोग है जो कई पीढ़ियों से देश और समाज के लिए कोई न कोई महान काम कर रहे हैं। उनकी सोच और विचारों को हमें सामने लाना है। देश को उनके प्रयासों से जोड़ना है। यह भी इस अमृत महोत्सव की मूल भावना है।’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,’यह आयोजन हमारी इन 75 वर्षों की उपलब्धि को दुनिया के सामने रखने का मौका होगा। 25 साल में आगे क्या करना है। जब 100 साल पूरे होंगे, तब हम कहां होंगे।जब हम जन भागीदारी की बात करते हैं, तब सब देशवासियों के विचार और सपने हैं। इस ऐतिहासिक पर्व के लिए देश ने रूप रेखा भी तय की है।’
ये समारोह भारत के विचार और कद के अनुरूप होगा।
हमारे देश का शायद ही कोई ऐसा स्थान हो, कोई ऐसा कोना हो जहां से किसी न किसी भारत माता के बेटे-बेटी ने अपना बलिदान नहीं दिया हो।उन सबके बलिदान, उनकी कहानियाँ भी जब देश के सामने आएँगी तो वो अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत होने वाला है। जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाएगा, तो कुछ लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साहसिक कदम उठाने होंगे, जो असंभव लग रहा था! आपकी मदद और सहयोग से, ये समारोह भारत के विचार और कद के अनुरूप होगा। जब हम तैयारी के लिए सार्वजनिक भागीदारी के बारे में बात करते हैं, तो यह 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं, भावनाओं, विचारों, सुझावों और सपनों को पूरा करता है। समारोह को 5 उप-प्रमुखों में विभाजित किया जा सकता है – स्वतंत्रता संग्राम, विचार , उपलब्धियां, आयोजन, सुधार। हमें 130 करोड़ देशवासियों को साथ लेकर, उन्हें साथ जोड़कर आज़ादी के 75 साल का ये पर्व मनाना है।