
एनडीए के विकास के मुद्दे पर साथ मिलकर लड़ेंगी चुनाव
कोरोना संक्रमण के कारण जहां एक ओर राजनैतिक पार्टीयां खुलकर अपने प्रचार नहीं कर पा रही है तथा अपने चुनावी पत्तों के जाल से ही लोगों को अपने साथ लाने का प्रयास कर रही है। बिहार में नीतीश कुमार सरकार का कार्यकाल नवंबर में पूरा हो रहा है। संभवतः समय से चुनाव होने की चर्चा तेज हो गई है। निर्वाचन आयोग पहले ही चुनाव को लेकर अपनी गाइडलाइंस जारी कर चुका है । तथा कोर्ट भी चुनाव कराने के लिए कह चुका हैं। ऐसे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरेगी। ‘हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बुधवार को बताया, “3 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा राजग का हिस्सा बनेगी, इसकी घोषणा जीतन राम मांझी खुद करेंगें।”
‘हम’ इससे पहले भी राजग के साथ थी, लेकिन बाद में राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी। बिहार की सियासत में दलित नेता के रूप में खुद को पेश करने वाले मांझी ने 2018 में राजग को छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था, लेकिन महागठबंधन से भी पिछले दिनों उन्होंने नाता तोड़ लिया था।
विकास के लिए हम राजग का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीट हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर राजग के साथ जा रहे हैं। उन्होंने ‘हम’ के किसी भी पार्टी में विलय के प्रश्नों को भी पूरी तरह से नकार दिया।
मांझी ने इससे पहले 27 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। वे अपनी पार्टी के एनडीए के साथ गठबंधन की घोषणा आज करने वाले थे जो किसी कारणवश एक दिन के लिए टल गई है।
चर्चा चल रही थी कि महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी की पार्टी का जेडीयू में विलय होगा। हालांकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने यह साफ कर दिया कि जेडीयू के साथ पार्टी का विलय नहीं होगा। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि पार्टी को समाप्त नहीं किया जाएगा।