मतदाताओं के आधार नंबर वोटर आईडी से जुड़ेंगे।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1960 के नियम 26बी में संशोधन किया जाकर मतदाताओं के आधार क्रमांक (डाटा/नम्बर) मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर लिये जाने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये गये हैं कि इस प्रावधान का मतदाताओं के बीच पर्याप्त रूप से प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही समस्त मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की बैठक कर इसकी जानकारी दी जाये। मतदाताओं के आधार नंबर की जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु मतदाताओं से सम्पर्क करने एवं बीएलओ, सुपरवाईजर को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिये गये हैं।
यह अभियान एक अगस्त 2022 से प्रारंभ किया जा रहा है। निर्देश दिये गये हैं कि अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के आधार नंबर गरूड़ा एप/पोर्टल के माध्यम से दर्ज कराये जायें। बीएलओ को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने आधार नंबर की जानकारी दर्ज करने के साथ-साथ अपने मतदान केन्द्र के कम से कम 20 निर्वाचकों के आधार नंबर गरूड़ा एप के माध्यम से दर्ज करायें। समस्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के आधार नम्बर भी दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं।