
अब ये मिलकर नये क्लेवर में बाजार में अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए तैयार हो गई है। वोडाफोन आइडिया लि. ने सोमवार को अपनी नई ब्रांड पहचान ‘वीआई’का अनावरण किया। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर)के भुगतान पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कंपनी नए सिर से खुद को खड़ा करने का प्रयास कर रही है। जून अंत तक वीआईएल के ग्राहकों की संख्या 28 करोड़ थी। कंपनी ने कहा है कि वोडाफोन और आइडिया ब्रांड को अब ‘वीआई’कहा जाएगा। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘यह ऐसा ब्रांड है जिसकी निगाहें भविष्य पर होंगी। इसे ग्राहकों के लिए और उनके ईदगिर्द ही बनाया गया है। दो ब्रांडों का एकीकरण दूरसंचार क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े एकीकरण को दर्शाता है।’’
कंपनी ने आज अपनी रिब्रांडिंग की घोषणा की। इस कंपनी का मालिकाना हक ब्रिटेन की वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास है। जियो के आने के बाद दोनों कंपनियों ने आपस में विलय कर दिया था और वोडाफोन आइडिया नाम से कंपनी अस्तित्व में आई थी। कंपनी ने अब टैरिफ में भी बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं।
वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र टक्कर ने कहा, ‘‘दो साल पहले वोडाफोन आइडिया का विलय हुआ था। उस समय से हम अपने दोनों के बड़े नेटवर्क, लोगों तथा प्रक्रियाओं के एकीकरण पर विचार कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि ब्रांड एकीकरण से न केवल दुनिया का सबसे बड़ा दूरसंचार विलय पूरा हो गया है, बल्कि यह कंपनी के लिए भविष्य का रास्ता भी तैयार करेगा। हमारा लक्ष्य अपने 4जी नेटवर्क पर एक अरब भारतीयों को मजबूत डिजिटल अनुभव प्रदान करने का है।
वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया वोडाफोन इंडिया लिमिटेड को उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल आय के भारी भरकम बकाये को चुकाने के लिए दस साल का वक्त दिया है। इसका 10 प्रतिशत कंपनी को चालू वित्त वर्ष में और बाकी का 10 किस्तों में अगले 10 साल में चुकाना है। वोडाफोन आइडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का एजीआर बकाया है। इसमें से 7,854 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक कंपनी कर चुकी है।