गोबर की लकडी (गोकाष्टण) का होली दहन में उपयोग करें, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें:सीईओ जिला पंचायत ऋषव गुप्ता

मन्दसौर –
सीईओ जिला पंचायत ऋषव गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में होली दहन में लकडी का उपयोग किया जाता है, इससे पर्यावरण पर विपरित प्रभाव पड रहा है। अनेक स्थान पर खजूर के खोडों का उपयोग किया जा रहा है जिससे चटाई एवं झाडू बनाने केलिए खोडे उपलब्धख नहीं होते हैं।
विगत वर्षों में गोबर के कण्डे की होली जलाने का प्रचलन बढा है, इसे देखते हुए जिले की धुन्धडका एवं धन्धोडा गौशाला ने गाय के गोबर से गोकाष्टत बनाने का कार्य प्रारंभ किया है। गोकाष्ट का उपयोग होली दहन व श्मयशान में दाह संस्कार के लिए किया जावेगा।
होली रंगों का त्यौहार है। हम होली में पेड न काटें व न जलायें। पेड के स्थान पर सनातन गोबरी होली (गाय के गोबर की लकडी गोकाष्ट ) जलायें। गाय के गोबर में हानिकारक सूक्ष्म विषाणुओं को नष्टी करने की अद्भुत क्षमता है। कोरोना के संकट काल में ‘’हमारी होली हमारा घर अभियान’’ में आप भी अपने घर पर शासकीय गौशालाओं द्वारा देशी गाय के गोबर से निर्मित लकडी से होली जलायें। इस हेतु अपने मित्रों, पडोसियों, रिश्तेलदारों को भी प्रेरित करें।
यदि पूरे मोहल्लें के प्रत्येक घर द्वारा गोबर की लकडी का दहन कर होली जलाई जाती है तो वहां पर प्राकृतिक कवच बन जाता है। साथ ही, हमारे द्वारा गोसेवा भी हो जाती है क्योंकि यह समस्त आय गौशाला को जाती है।
गोकाष्ट प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराने की व्यवस्था जनपद पंचायत, मन्दसौर परिसर में की जा रही है, जहां से प्रति लकडी 12/- रू. (बारह रूपये मात्र) में उपलब्ध होगी। इस हेतु गायत्री परिवार से भी सम्पर्क किया जा सकता है। एक लकडी लम्बाई में 2 फीट एवं चौडाई में 3 इंच है।
धुन्धडका एवं धन्धोडा की गौशाला में लगभग दस हजार गोकाष्ट उपलब्ध है। इन दोनों गौशालाओं से भी गोकाष्ट प्राप्तं की जा सकती है। प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि इस बार पेड के स्थान पर गोकाष्ट का उपयोग करें अपनी होली अपने घर जलावें, पर्यावरण बचायें, सामुहिक होली दहन में भी पेड की लकडी के स्थान पर गोबर निर्मित गोकाष्टण का उपयोग करें। कोरोना संकट काल में पर्यावरण में शुद्ध वातावरण हेतु आपका योगदान महत्विपूर्ण होगा।
शुभ होली, स्वस्थ होली, मेरी होली मेरा घर अभियान, देशी गाय के गोबर से निर्मित लकडी से होली जलायें, पर्यावरण बचायें – कोरोना भगायें।