प्रत्यंचामंदसौरमध्य प्रदेश

बाल मजदूरी के कारण बेरोजगारी और गरीबी को बढ़ावा मिल रहा है – पाण्डेय


•बाल श्रम कानूनों की पालना कराने वाले अधिकारियों को ईमानदार इच्छा शक्ति से कार्य करना होगा – खान

•बाल मजदूरी के खात्मे के लिए हम सब को एक जुटता के साथ छोटे-छोटे स्तर से काम करना होगा – शर्मा

चंदन गौड़

मन्दसौर | विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर एवं बचपन बचाओं आंदोलन के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘ बाल श्रम को रोके बिना अधूरी है भारत की तरक्की’’ विषय पर गूगलमीट के माध्यम से परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का शुभांरभ करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि बालमजदूरी की समस्या के कारण देश में बेरोजगारी और गरीबी को बढ़ावा मिल रहा है, जिस कारण कई परिवार भुखमरी तक के शिकार हो रहे हैं। मेरी जानकारी केअनुसार मंदसौर जिले में भी कई खतरनाक एवं गैर खतरनाक कार्यों में बाल मजदूरों को नियोजित किया जा रहा है एवं मंदसौर, नीमच, रतलाम जिलो में नाबालिक बच्चियों से वेश्यावृत्ति जैसा घिनोना कृत्य कराये जाने की जानकारीयां मिल रही है। हम सब को आज के दिन इन सामाजिक बुराईयों को जड़ से मिटाने का संकल्प लेना चाहिए, तभी आज के दिन की सार्थकता सिद्ध होगी। उन्होंने संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों से परिचर्चा के माध्यम से आव्हान किया कि बच्चों को शोषण से बचाने के लिए अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें।
जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर मो. रईस खान ने कहा कि बाल श्रम कानूनों की पालना कराने वाले अधिकारियों को ईमानदार इच्छा शक्ति से कार्य करना होगा क्योकि वर्तमान दौर में बालश्रम हमारे समाज की एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है, इसके खात्मे के बिना बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं किया जा सकता। आर्थिक विषमता के कारण बाल मजदूरी जैसी समस्याएं पनप रही है। बच्चों के भविष्य और सपनों को साकार करने के लिए कानूनों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता लाना बेहद जरूरी है। बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, पाॅक्सों एक्ट आदि का क्रियान्वयन श्रम विभाग, पुलिस व अन्य सभी को मिलकर कठोरता के साथ करना चाहिए। बचपन जब सुरक्षित होगा, तभी देश सुरक्षित व समृद्ध हो सकेगा।
बचपन बचाओं आंदोलन, नई दिल्ली के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने कहा 12 जून को बालश्रम मनाने की शुरूआत नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त बचपन बचाओं आंदोलन के प्रेणता कैलाश सत्यार्थी की पहल पर हुई थी, जो निरन्तर जारी है। उन्होंने कहा जिस देश में बच्चें शिक्षा, स्वास्थ्य व भोजन के अधिकार से बंचित हो, जहां पर बच्चों की खरीद-फरोख्त होती हो, उस देश की तरक्की कैसे हो सकती है। मंदसौर जिले में तो नाबालिग बालिकाओं के साथ यौन शोषण जैसा घिनोना कृत्य भी हो रहा है, कुछ लोग अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए बच्चियों को दलदल में धखेल कर, उनका भविष्य बरबाद कर रहे हैं, जिसे बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है, अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो मंदसौर जिले को बालश्रम व बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कर सकते हैं।
किशोर न्याय बोर्ड प्रधान न्यायाधीश श्रीमती मंजूसिंह ने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि यह बिलकुल सत्य है कि बालश्रम के खात्में के बिना भारत की तरक्की संभव नहीं है। मंदसौर जिला इस समस्या से अछूता नहीं है, यहां पर बड़ी संख्या में बच्चों के साथ शोषण के मामले आते रहते हैं। वर्तमान समय में नाबालिग बच्चोंका उपयोग आपराधिक गतिविधियों के संचालन में भी किया जा रहा है, जो कि बहुत चिंता का विषय है।
बचपन बचाओ आंदोलन समन्वयक डाॅ. राघवेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर हर वर्ष एक नई थीम दी जाती है, 2021 में ‘‘कोरोना वायरस के दौर में बच्चों को बचाना’’ थीम दी गई है। कोरोना महामारी के कारण आने वाला समय बच्चों के लिए बड़े भारी संकट के संकेत दे रहा है, क्योंकि पिछले 02 वर्षों से लगातार स्कूल बंद रहे हैं, ऐसे में बच्चें अन्यगतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। गरीब एवं मध्यम परिवार के बच्चें शिक्षा सेवंचित हो जाएंगे तो वह बाल श्रम जैसी कुरीति व अन्य आपराधिक कृत्यों में सम्मिलित होंगे, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो जायेगा। क्योंकि जब भी कोई संकट या बुरा दौर आता है तो इससे सबसे ज्यादा जो प्रभावित होते हैं, वह बच्चें होते हैं,बच्चों में भी गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों की संख्या ज्यादा होती है एवं इनमें भी सबसे ज्यादा प्रताड़ित कमजोर वर्ग की नाबालिग बच्चियां होती है, इसलिए इस समय हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि बच्चों पर आगामी संकट को देखते हुए मिलजुलकर योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है।
महिला बाल विकास विभाग, उपसंचालक राजेन्द्र महाजन, जिला श्रम अधिकारी प्रकाश डोडवे, जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष रघुवीर सिंह पंवार, सचिव ललित माखीजा, चाईल्ड लाइन समन्वयक मोनिका वरूण ने भी परिचर्चा को संबोधित किया।
परिचर्चा में बाल कल्याणसमिति की पूर्व सदस्य बबीता सिंह तोमर, पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र की सदस्य चित्रा मण्डलोई, बाल श्रम परियोजना से शेलैन्द्र सिंह चन्द्रावत, अभिभाषक आजम खां पठान, महेश कुमार मोदी, दिलीप देवड़ा, गजनफर खान, हिम्मतसिंह सांखला, सैय्यद मंसूरी, शिवरमन सिंह पंवार, जिला विधिक सेवाप्राधिकरण के पैरालीगल वॉलेन्टियर्स, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि पण्डित महेश दुबे, मुकेश आचार्य आदि ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सहातया अधिकारी योगेश बंसलने किया एवं अंत में सभी का आभार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अवधेश कुमार दीक्षित ने माना l

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