धर्मनेहा श्रीप्रत्यंचा

कल अमावस्या का दिन पितृ विसर्जन व तर्पण के लिए सर्वोत्तम

शनिवार 10 जुलाई सन 2021 के दिन अषाढ़ माह की अमावस्या है। अमावस्या का दिन पितृ विसर्जन व तर्पण के लिए सर्वोत्तम है

अपने पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा दर्शाने के लिए, व उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कुछ दिन नियत किए गए हैं। पूरे साल में एक पखवाड़ा जिसे श्राद्ध पक्ष या आश्विन कृष्ण पक्ष कहते हैं ।ऐसे ही हर माह में अमावस्या तिथि, तथा हर सप्ताह शनिवार का दिन पितरों के तर्पण वह उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नियत किया गया है। संयोग से आषाढ़ की अमावस्या इस शनिवार को आ रही है। शनिवारी अमावस्या के वैसे बहुत महातम्य बताए गए हैं। शनिवार के दिन ऐसे लोग जिनको अपने पितरों के दर्शन सपने में होते हैं वह विशेष पूजा करें। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में ग्रहण दोष हो उनके लिए अलग से पूजा का विधान है। ऐसे व्यक्ति जिनके परिवार में कोई अकाल मृत्यु हुई हो वे भी विशेष रूप से पूजन करें। ऐसे गृहस्थ जो श्राद्ध व तर्पण नियमित रूप से नहीं करते वह भी अपने पितरों के नाम का दान निकाल सकते हैं। संक्षेप में कहें तो यह दान करने व पूजा करने का विशेष दिन है।
नियम इस दिन सुबह घर में सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। स्नान के जल में भी गंगाजल का अवश्य प्रयोग करें।
भोजन पक्का खाना अर्थात ऐसा भोजन जो घृतपक्व हो बनाएं। खीर विशेष तौर पर बनाएं।एक थाली में तीन पूड़िया अलग निकाले। जो भी सब्जी, रायता और खीर बनी है थोड़ा-थोड़ा उन पूड़ियों पर रखें। उनमें से एक बूढ़ी गाय की, एक कौवे की और एक चींटी की निकाल दें।
पंडित जी का भोजन सदक्षिणा मंदिर में पहुंचा दें। इसके पश्चात ही घर के सदस्य भोजन करें।
पूजन विधि पूजा अर्चना के समय पीले वस्त्रों का प्रयोग करें। पितरों की शांति के लिए विशेष प्रार्थना करें उनको जौ व काले तिल के साथ जल अर्पण करें और उनसे आशीर्वाद की कामना करें। पितरों के निमित्त दान का निर्वाह करें

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

Related Articles

Back to top button
Close
%d bloggers like this: