आज देश में 42 करोड़ से अधिक जनधन खाते हैं। इनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते हमारी माताओं-बहनों के हैं- आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद’ कार्यक्रम के अवसर पर पीएम मोदी

अनुभव अवस्थी

आत्मनिर्भर नारीशक्ति से संवाद’ कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वर्चुअल देश की महिलाओं से बात की उन्होंने कहा कि
आज जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो ये आयोजन बहुत अहम है। आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत को, हमारी आत्मनिर्भर नारीशक्ति एक नई ऊर्जा देने वाली है। आप सबसे बात करके आज मुझे भी प्रेरणा मिली है। आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, राजस्थान के आदरणीय मुख्यमंत्री जी, राज्य सरकारों के मंत्रिगण, सांसद-विधायक साथी, जिला परिषद के चेयरमैन और सदस्यगण, देश की करीब-करीब 3 लाख लोकेशंस से जुड़ी सेल्फ हेल्प ग्रुप की करोड़ों बहनें और बेटियां, अन्य सभी महानुभाव!
अभी जब मैं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी बहनों से बातचीत कर रहा था, तो उनका आत्मविश्वास मैं अनुभव करता था, आपने भी देखा होगा, उनके अंदर आगे बढ़ने की ललक कैसी है, कुछ करने का जज्बा कैसा है, ये वाकई हम सबके लिए प्रेरक है। इससे हमें देश भर में चल रहे नारीशक्ति के सशक्त आंदोलन के दर्शन होते हैं।कोरोना काल में जिस प्रकार से हमारी बहनों ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से देशवासियों की सेवा की वो अभूतपूर्व है। मास्क और सेनेटाइज़र बनाना हो, ज़रूरतमंदों तक खाना पहुंचाना हो, जागरूकता का काम हो, हर प्रकार से आपके सखी समूहों का योगदान अतुलनीय रहा है। अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के साथ-साथ, देश के विकास को आगे बढ़ाने वाली हमारी करोड़ों बहनों का मैं अभिनंदन करता हूं।
आजादी के 75 वर्ष का ये समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है।
— PMO India (@PMOIndia) August 12, 2021
बहनों की समूह शक्ति को भी अब नई ताकत के साथ आगे बढ़ना है।
सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है जहां से आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं: PM @narendramodi
महिलाओं में उद्यमशीलता का दायरा बढ़ाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक भागीदारी के लिए, आज बड़ी आर्थिक मदद जारी की गई है। फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यम हों, महिला किसान उत्पादक संघ हों या फिर दूसरे सेल्फ हेल्प ग्रुप, बहनों के ऐसे लाखों समूहों के लिए 16 सौ करोड़ रुपए से अधिक राशि भेजी गई है। रक्षा बंधन से पहले जारी इस राशि से करोड़ों बहनों के जीवन में खुशियां आएं, आपका कामकाज फले-फूले, इसके लिए आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। स्वयं सहायता समूह और दीन दयाल अंत्योदय योजना, आज ग्रामीण भारत में एक नई क्रांति ला रही है। और इस क्रांति की मशाल महिला सेल्फ हेल्प समूहों से संभव हुआ है और उन्होंने संभाल करके रखी है। बीते 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों का ये आंदोलन और तेज हुआ है। आज देशभर में लगभग 70 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं।
जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, वो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं। इसलिए ही हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया। आज देश में 42 करोड़ से अधिक जनधन खाते हैं। इनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते हमारी माताओं-बहनों के हैं। इन खातों में हजारों करोड़ रुपए जमा हैं। अब रसोई के डिब्बों में नहीं, वरना मालूम है कि नहीं, गांवों में क्या करते हैं, रसोई के अंदर जो डिब्बे होते हैं, कुछ बचे-खुचे पैसे उसमें रख देते हैं। अब पैसे रसोई के डिब्बे में नहीं पैसे बैंक के खाते में जमा हो रहे हैं।
जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं।
— PMO India (@PMOIndia) August 12, 2021
इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया: PM @narendramodi
हमने बैंक खाते भी खोले और बैंकों से ऋण लेना भी आसान कर दिया। एक तरफ मुद्रा योजना के तहत लाखों महिला उद्यमियों को बिना गारंटी का आसान ऋण उपलब्ध कराया, वहीं दूसरी तरफ सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को बिना गारंटी ऋण में भी काफी बढ़ोतरी की। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जितनी मदद सरकार ने बहनों के लिए भेजी है, वो पहले की सरकार के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। इतना ही नहीं, लगभग पौने 4 लाख करोड़ रुपए का बिना गारंटी का ऋण भी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को उपलब्ध कराया गया है। आजादी के 75 वर्ष का ये समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। बहनों की समूह शक्ति को भी अब नई ताकत के साथ आगे बढाना है। सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है, जहां से आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं। कृषि और कृषि आधारित उद्योग हमेशा से ऐसा क्षेत्र है, जहां महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए अनंत संभावनाएं हैं। गांवों में भंडारण और कोल्डचेन की सुविधा शुरू करनी हो, खेती की मशीनें लगानी हों, दूध-फल-सब्जी को बर्बाद होने से रोकने के लिए कोई प्लांट लगाना हो, ऐसे अनेक काम के लिए विशेष फंड बनाया गया है। इस फंड से मदद लेकर सेल्फ हेल्प ग्रुप भी ये सुविधाएं तैयार कर सकते हैं। इतना ही नहीं, जो सुविधाएं आप बनाएंगी, उचित दरें तय करके सभी मेंबर इसका लाभ उठा सकती हैं और दूसरों को भी किराए पर दे सकती हैं। अब आपके पास भंडारण की सुविधा जुटाने का प्रावधान है, आप कितना भंडार कर सकती हैं ये बंदिश भी नहीं है। आप चाहे खेत से सीधे उपज बेचें या फिर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर, बढ़िया पैकेजिंग करके बेचें, हर विकल्प आपके पास है। ऑनलाइन भी आजकल एक बड़ा माध्यम बन रहा है जिसका उपयोग आपको ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। आप ऑनलाइन कंपनियों के साथ तालमेल कर, बढ़िया पैकेजिंग में आसानी से शहरों तक अपने उत्पाद भेज सकती हैं। इतना ही नहीं, भारत सरकार में भी GeM पोर्टल है, आप इस पोर्टल पर जाकर करके सरकार को जो चीजें खरीदनी है, अगर आपके पास वो चीजें हैं तो आप सीधा सरकार को भी बेच सकते हैं।

भारत में बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए हर संभव मदद भी दे रही है। विशेष रूप से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें तो पारंपरिक रूप से इससे जुड़ी हैं। इसमें भी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिए बहुत संभावनाएं हैं। इसी प्रकार, आज देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त करने का अभी अभियान चल रहा है। और अभी हमने तमिलनाडु की हमारी बहनों से सुना। बहन जयंती जिस प्रकार से आकड़े बता रही थी, हर किसी को प्रेरणा देनेवाली थी। इसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की दोहरी भूमिका है। आपको सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर जागरूकता भी बढ़ानी है और इसके विकल्प के लिए भी काम करना है। प्लास्टिक के थैले की जगह, जूट या दूसरे आकर्षक बैग आप ज्यादा से ज्यादा बना सकती हैं।आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं।
आजादी के 75 वर्ष का यह समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। बहनों की समूह शक्ति को भी अब नई ताकत के साथ आगे बढ़ना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2021
सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है, जहां से सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं। pic.twitter.com/V8EJzyskhX
इससे ना सिर्फ महिलाओं की गरिमा बढ़ी है बल्कि बेटियों-बहनों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। ये आत्मविश्वास हम खेल के मैदान से लेकर, साइंस-टेक्नॉलॉजी और युद्ध के मैदान तक देख रहे हैं। ये आत्मनिर्भर भारत के लिए सुखद संकेत हैं। इस आत्मविश्वास, राष्ट्रनिर्माण के इन प्रयासों को अब आपको अमृत महोत्सव से भी जोड़ना है। आजादी के 75 वर्ष होने के उपलक्ष्य में चल रहा आजादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। 8 करोड़ से अधिक बहनों-बेटियों की सामूहिक शक्ति, अमृत महोत्सव को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।अभी देश कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का अभियान चला रहा है। सभी को मुफ्त वैक्सीन लगवाई जा रही है। अपनी बारी आने पर आप भी वैक्सीन लगवाएं और अपने गांव के अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। आप अपने गांवों में तय कर सकते हैं कि आजादी के 75 साल हैं, हम कम से कम एक साल में 75 घंटे, मैं ज्यादा नहीं कह रहा हूं, एक साल में 75 घंटे इस 15 अगस्त से अगले 15 अगस्त तक 75 घंटे हम सभी जो सखी मंडल की बहनें हैं, कोई न कोई स्वच्छता का काम करेंगी गांव में। कोई जल संरक्षण का काम करेंगे, अपने गांव के कुएं, तलाब की मुरम्मत, इनके उद्धार का अभियान भी चला सकते हैं।
बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2021
इससे ना सिर्फ महिलाओं की गरिमा बढ़ी है, बल्कि बेटियों-बहनों का आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत के लिए एक सुखद संकेत है। pic.twitter.com/4Z5gA4jfSm
आपके ऐसे प्रयासों से ही अमृत महोत्सव की सफलता का अमृत सब तरफ फैलेगा, देश को इसका लाभ मिलेगा। और आप सोचिए, भारत की 8 करोड़ महिलाओं की सामूहिक शक्ति, कितने बड़े परिणाम ला सकती है, देश को कितना आगे ले जा सकती है। मैं तो इन आठ करोड़ माताओं-बहनों को कहूंगा आप ये तय कीजिए, आपके समूह में कोई ऐसी बहन या माता हैं जिसको लिखना-पढ़ना नहीं आता है, आप उसको पढ़ाइए-लिखाइए। बहुत ज्यादा करने की जरूरत नहीं है, थोड़ा-बहुत देखिए कितना बड़ा सेवा हो जाएगी। उन बहनों के द्वारा ओरों को सीखाइए। मैं तो जो आपसे सुन रहा था, ऐसा लग रहा था आपसे भी मुझे बहुत कुछ सीखना चाहिए, हम सबको सीखना चाहिए। कितने आत्मविश्वास के साथ, कितनी कठिन परिस्थितियों में आप आगे बढ़ रहे हैं। व्यक्तिगत जीवन में कितने कष्ट आए फिर भी अपने हार नहीं मानी और कुछ नया करके दिखाया। आपकी एक-एक बात हर देश की माताओं-बहनों को ही नहीं मेरे जैसे लोगों को भी प्रेरणा देनेवाली है। आप सभी बहनों के मंगल स्वास्थ्य की कामना करते हुए आनेवाले रक्षाबंधन पर्व पर आपके आशीर्वाद बने रहें, आपके आशीर्वाद हमें नया-नया काम करने की प्रेरणा दें। निरंतर काम करने की प्रेरणा दें, आपके आशीर्वाद की कामना करते हुए रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं करते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं।
स्वयं सहायता समूह और दीन दयाल अंत्योदय योजना आज ग्रामीण भारत में एक नई क्रांति ला रही है। इस क्रांति की मशाल महिला सेल्फ हेल्प समूहों ने संभाल रखी है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2021
पिछले 6-7 सालों के दौरान इन समूहों में तीन गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है और तीन गुना अधिक बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। pic.twitter.com/ACqfJ3gIBm