आज एक पिता के रूप में मेरे लिए सौभाग्य का दिन है मेरी तीन बेटियों विवाह के रूप में आज एक बड़ा दायित्व पूरा हो रहा है।

अनुभव अवस्थी
विधाता ने रच दिया निज निधि का ऐसा दान, आज वर को कन्यादान मिले, कन्या को वरदान।।

मध्य प्देश के विदिशा जिले में हुए एक शादी समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साथ तीन बेटियों का कन्यादान किया। इन तीनों लाड़ली बेटी को मुख्यमंत्री ने गोद लिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि ‘आज एक बड़ी जिम्मेदारी सम्पन्न हुई। जब मैं संसद का सदस्य था तब मैंने इन बेटियों को गोद लिया था। मैं खुश हूं कि आज मेरी तीनों बेटियों की शादी हो रही है।’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा उनकी पत्नी साधना सिंह भी इस शादी समारोह में मौजूद थीं। बेटियों का कन्यादान करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई ट्वीट कर अपनी भावना व्यक्त की। एक ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘आज एक पिता के रूप में मेरे लिए सौभाग्य का दिन है। हमारी तीनों बेटियां कुछ समय में बाबुल के घर से विदा होकर अपने नये जीवन में प्रवेश करेंगी। साधना जी भी बेटियों के विवाह की तैयारियों में पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं।’ इसके बाद एक अन्य ट्वीट में सीएम ने कहा कि ‘बेटियों के जाने से घर में जो सूनापन होगा, उसको सोचकर मन में थोड़ी उथल- पुथल है, साथ ही पिता के कर्तव्य को पूर्ण करने का संतोष भी है। बेटियों के सुखद भविष्य के लिए मंगल कामना करता हूं।’
आज मेरी तीनों बेटियां अपने भावी मंगलमय जीवन में प्रवेश कर रही हैं,यह दिन हर पिता के लिए अत्यंत शुभत्व और सौभाग्य का दिन होता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 15, 2021
अंतर्मन में द्वंद्व चल रहा है कि यह अधिक प्रसन्नता का दिन है या उनके विदा होने से होने वाले सूनेपन से मन विचलित है।
बेटी प्रीति को आशीर्वाद!#कन्यादान pic.twitter.com/JIOM1OPiDP
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तीनों बेटियों को 1998 में अपने साथ लाए थे और लालन-पालन की जिम्मेदारी आश्रम को दी थी। तब वे सब ढाई-तीन साल की थीं। उनका कोई अभिभावक नहीं था, तो मैंने इन्हें अपने पास रखने का निर्णय लिया। साधना जी ने इनका लालन-पालन बड़े प्यार से किया और आज हमारी इन बेटियों का विवाह है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने शादी की तैयारियां पहले ही कर ली थी और इस मौके पर हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि दोनों पति-पत्नी मिलकर अब बेटियों का कन्यादान करेंगे। पूरे धूम-धाम से सभी वैदिक रीति-रिवाजों से शादी होगी। उन्होंने कहा कि बेटियों का भविष्य कैसे बेहतर बने, इसके लिए हम दोनों निरंतर प्रयास करते रहे। उनके विवाह के रूप में आज एक बड़ा दायित्व पूरा हो रहा है। बेटियों के भावी मंगलमय जीवन को देखते हुए मन में संतोष का भाव है, तो उनकी विदाई से दु:ख भी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जब मैं विधायक था, तब हमने एक बेटी की शादी की थी। उस बिटिया का विवाह करवाकर मुझे असीम शांति मिली। फिर सांसद रहते हुए गरीब बेटियों का विवाह प्रारंभ किया। सीएम बनने के बाद मैंने ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ प्रारंभ की और फिर बेटियों के कल्याण के लिए लाडली लक्ष्मी योजना भी शुरू की। उन्होंने कहा कि एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं यह सोचता हूँ कि ऐसे बच्चे, जिनका कोई नहीं है, उन्हें कैसे सड़क पर छोड़ दिया जाए! इसी सोच से जन्मी है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना। इसके अंतर्गत अनाथ बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था, रु. 5,000 प्रतिमाह पेंशन, राशन की व्यवस्था की जाती है। तीनों बेटियों राधा, प्रीति, सुमन के विवाह के शुभ अवसर पर उनके नाम पर पौधे रोपकर इस अमूल्य घड़ी को सदैव के लिए संजो लिया। कभी इन पेड़ों की छांव में बैठकर बेटियों को याद करूंगा, तो कभी उनके साथ चाय की चुस्कियों का आनंद लूंगा। मेरी लाडलियों सदैव खुश रहो,इस पिता का यही आशीर्वाद है!
