प्रत्यंचा

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष लेख

अनुभव अवस्थी

हम जब देश में महिलाओं की बात करेंगे तब यह पाएंगे कि भारत का इतिहास सफल महिलाओं के उदाहरणों से भरा पड़ा है जिन्‍होंने जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों में नये कीर्तिमान स्थापित करते हुए ऊचाइयों को छुआ है। लेकिन विडंबना यह है कि अनेक सांस्‍कृतिक वजहों से बालिकाओं को आज भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत

इस बात को समझते हुए भारत सरकार ने समय-समय पर अनेक योजनाओं को लागू किया। लेकिन अभी भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। इस तरह की एक पहल सरकार ने 2008 में की जिसके तहत हर वर्ष 24 जनवरी का दिन राष्‍ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1966 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री का पद संभाला था।

इसके उद्देश्यों की महत्त्वता

देश में बालिकाओं के लिये ज्यादा समर्थन और नये अवसर तथा आयाम देने के लिये इसकी शुरुआत की गयी। समाज में बालिका शिशु के द्वारा सभी असमानताओं का सामना करने के बारे में लोगों के बीच जागरुकता को बढ़ाने के लिये इसे मनाया जाता है। बालिका शिशु के साथ भेद-भाव एक बड़ी समस्या है जो कई क्षेत्रों में फैला है जैसे शिक्षा में असमानता, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सीय देख-रेख, सुरक्षा, सम्मान, बाल विवाह आदि। बालिकाओं की उन्नति के महत्व के बारे में पूरे देश के लोगों के बीच ये मिशन जागरुकता को बढ़ाता है। यह दूसरे सामुदायिक सदस्यों और माता-पिता के प्रभावकारी समर्थन के द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में लड़कियों के सार्थक योगदान को बढ़ाता हे।

शुभकामना संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज का दिन विशेष रूप से बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने वाले सभी लोगों की सराहना करने और यह सुनिश्चित करने का दिन है कि वह सम्मान और अवसर प्राप्त करें। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, हम अपनी #DeshKiBeti और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों को सलाम करते हैं। केंद्र सरकार ने कई पहल की हैं, जो बालिकाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। इसमें शिक्षा तक पहुंच, बेहतर स्वास्थ्य सेवा शामिल है।’

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना, गांव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना, कन्या विवाह योजना, उदिता योजना। एक-एक योजना बनी तो सिर्फ बहनों और बेटियों की ज़िंदगी को सुरक्षित करने के लिए ताकि मेरी बहनें आर्थिक रूप से सशक्त बनें।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा है

बेटियां हमारा गर्व, हमारा स्वाभिमान हैं।

उत्तर प्रदेश की प्रगति में बेटियों का अप्रतिम योगदान है। प्रत्येक बालिका के सर्वांगीण विकास हेतु हम संकल्पित हैं।

सभी प्रदेशवासियों को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ की हार्दिक बधाई।

भाजपा के युवा फायर ब्रांड सांसद वरुण गांधी ने भी अपनी बेटी के साथ फोटो साझा करते हुए लिखा –

“पीएम के गतिशील नेतृत्व में श्री
@नरेंद्र मोदी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत शामिल किए गए 640 जिलों में से 422 जिलों में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।”

वहीं, पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने लिखा,

‘हमारी लड़कियों और लड़कों के लिए प्यार, देखभाल और अवसर हर समय समान होना चाहिए। हमें यह याद रखना होगा कि हमारे बच्चे हमसे सीखते हैं। चलो सही उदाहरण सेट करते हैं और हमारी लड़कियों और लड़कों को समान रूप से मनाते हैं!’ 

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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