
अनुभव अवस्थी
सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। खासकर ट्विटर पर इसके पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी कर रहे है। किसान आंदोलन को लेकर अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा होने के बाद से यह मांग और जोर पकड़ने लगी है कि आखिर ट्विटर पर ही सबसे अधिक हंगामा हो रहा है। इस बात तो तूल इससे भी मिल रहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट की पत्रकार केरेन अतीआ ने हाल में ट्वीट कर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी से मांग की कि किसान आंदोलन को लेकर भी एक इमोजी बनानी चाहिए। हैरानी की बात है कि ट्विटर के सीईओ जैक भी केरेन के अकाउंट को लाइक करते हैं।
भारत विरोधी ट्वीट को लाइक करते जैक डोर्सी
मशहूर सिंगर रिहाना इस दिनों भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने को लेकर चर्चा में हैं। रिहाना और कई हस्तियों के किसान आंदोलन को समर्थन के बाद भारत सरकार ने इस पर एतराज जताया है। बॉलीवुड के कई कलाकारों और कई क्रिकटरों ने भी सरकार का समर्थन करते हुए विदेशी हस्तियों के ट्वीट को देश के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा बताया है। वहीं एक बड़ा वर्ग रिहाना के साथ खड़ा है। इस सबके बीच माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी का भी अप्रत्यक्ष समर्थन रिहाना को मिला है। जैक डोर्सी ने ना तो खुद कोई ट्वीट किया है और ना ही रिहाना के ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया दी है। जैक डोर्सी ने कुछ ट्वीट्स को लाइक किया है, जिनमें किसान आंदोलन पर बोलने के लिए रिहाना की तारीफ की गई है।
केंद्र सरकार ने ट्विटर पर जताई नाराजगी
केंद्र ने बुधवार को ट्विटर से कहा कि वह किसान आंदोलन को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर लगाम लगाएं। अगर ट्विटर ऐसा करने में नाकाम साबित होता है तो उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है। बुधवार अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया। इसके पर कई और अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रिटीज ने रिहाना का समर्थन किया। दूसरी तरह भारत में भी सेलेब्रिटीज ने सरकार के समर्थन में ट्वीट कर अंतरराष्ट्रीय साजिश करने वाले वालों को करारा जबाव दिया।
भारतीयों ने इन विदेशी कलाकारों की टिप्पणी पर की कड़ी आलोचना
एक यूजर ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि अगर इस समस्या को खत्म करना चाहते हैं तो इस बात पर नजर रखी जाए कि कैसे ट्विटर के सीईओ खुद इन बातों (भारत विरोधी) का समर्थन करते हैं. ट्विटर सोशल मीडिया के उन प्लेटफॉर्म में से है तो अफवाह और गलत सूचनाओं को फैलाने में सबसे आगे हैं।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार ने अपने ट्वीट में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना करते हुए लिखा था, ‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? वहीं मिया खलीफा ने कहा कि, “मानवाधिकार उल्लंघनों पर ये चल क्या रहा है? उन्होंने नई दिल्ली के आसपास के इलाकों में इंटरनेट काट दिया है?” ग्रेटा ने कहा था, “हम भारत में #FarmersProtest के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।”
किसान आंदोलन में विदेशी व्यक्तियों के हस्तक्षेप के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। जिसके बाद भारत सरकार के समर्थन में और वैश्वविक हस्तियों के खिलाफ सचिन तेंदुलकर, अक्षय कुमार, कंगना रनौत समेत कई दिग्गज हस्तियां सामने आईं। विदेशी हस्तियों के विरोध करने वालों की सूची में आज रहस्यवादी सद्गुरु भी जुड़ गए हैं।
सद्गुरु ने ट्वीट कर कहा कि ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि दुनिया में सेलिब्रेटी होने पर आपको किसी राष्ट्र की आंतरिक स्तिथियों के बारे में समझ नहीं हो सकती है। भारत में आंतरिक मुद्दों के समाधान के लिए सभी आवश्यक प्रणालियों के साथ लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार है। हमें आपकी सहायता की आवश्यकता नहीं है धन्यवाद। -एसजी’
भारत के विदेश मंत्रालय से कहा किसी भी कानून पर टिप्पणी से पहले तथ्यों की जानकारी होना जरूरी
मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ‘सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सटीक है और न ही जिम्मेदाराना है।’ विदेश मंत्रालय का यह जवाब तब आया है जब पॉप सिंगर रिहाना, क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की रिश्तेदार मीना हैरिस ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए हैं।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करते हैं कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ की जाए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए।’
दिल्ली पुलिस भी ऐसे टूलकिट पर सख्त एक्शन मोड में
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ किसान आंदोलन से जुड़ा ट्वीट करने के बाद एक एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस के ओर से आपराधिक षड्यंत्र और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। स्वीडन की रहने वाली थनबर्ग ग्रेटा पर आईपीसी के सेक्शन 153 A और 120B के तहत FIR दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ उनके कई ट्वीट्स पर संज्ञान लिया है, जिन्हें भड़काऊ करार दिया जा रहा है।स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ने बृहस्पतिवार को एक “टूलकिट” साझा किया, जो लोगों को विरोध प्रदर्शन के लिए समर्थन दर्शाने संबंधी सलाह दे रहा था। ग्रेटा ने पिछले सप्ताह गणतंत्र दिवस पर किसानों के समर्थन में जानकारी के साथ एक ऐसे ही “टूलकिट” को हटा दिया था। ग्रेटा ने 13 और 14 फरवरी को भारतीय दूतावास के करीब धरना देने की भी सलाह दी थी।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि इस संबंध में जॉंच के लिए मामला दर्ज किया गया है, लेकिन एफआईआर में किसी का नाम नहीं है। दिल्ली की तीनों बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है, दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया को मॉनिटर कर रही है, लगभग 300 सोशल मीडिया हैंडल पाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल घृणित और निंदनीय कंटेंट फैलाने के लिए किया जा रहा है। इनका इस्तेमाल कुछ वेस्टर्न इंटरेस्ट ऑर्गनाइजेशनों द्वारा किया जा रहा है, जो किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं।
हमने FIR में किसी का नाम नहीं है, यह केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है। दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी।
इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में बाल कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किए जाने की बात कही गई थी। इंडिया टुडे पत्रकार गौरव सांवत ने बताया था कि ग्रेटा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 ए और धारा 120बी के तहत मामला दर्ज हुआ है। बता दें कि दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई विदेश मंत्रालय के बयान के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने हर अंतरराष्ट्रीय शख्सियत से कहा था कि वह इस किसान आंदोलन के मुद्दे पर बोलने से पहले इसके बारे में समझ लें।