Nikita के हत्यारे तौसीफ का मामा भी कुख्यात अपराधी

गुड़गांव = बल्लभगढ़ में छात्रा निकिता हत्याकांड के आरोपित तौसीफ का मामा इस्लामुद्दीन भी कुख्यात अपराधी है। । साल 2016 में उसे गुर्गों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अरेस्ट किया था। इसके बाद हरियाणा समेत अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया। वह इन राज्यों की जेलों में भी शिफ्ट होता रहा है। गुड़गांव में भी उसने अपने गिरोह के साथ 30 जून 2016 को डीएलएफ सेक्टर-29 थाना के एसएचओ का उन्हीं की कार में अपहरण कर लिया था। 41 साल के इस्लामुद्दीन के साथियों सलीम, सुरेंद्र, मोहम्मद साबिर और इरशाद को 3 पिस्टल, 15 गोली, 3 कार, 19 मोबाइल और कई सिमकार्ड के साथ पकड़ा गया था। उस समय इस्लामुद्दीन पर 1 लाख 70 हजार रुपये इनाम घोषित था।
आरोपित इस्लामुद्दीन ने अपहरण कर पहली हत्या साल 2001 में की थी। यह वारदात होडल थाना एरिया में हुई थी। इसके बाद से वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। साल 2002 में ही उसने अजमेर में डकैती की। इसके बाद ये सिलसिला जारी रहा। कई बार वह पकड़ा गया और पैरोल जंप कर फरार हो जाता था। उस पर यूपी, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान व गुजरात में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, हत्या के प्रयास के करीब 50 मामले दर्ज हैं। उसके गिरोह में करीब 15 शूटर शामिल हैं और अधिकतर मेवात के ही रहने वाले हैं।
देश के लगभग हर राज्य में अलग-अलग शहरों से तांबा, सिगरेट समेत अन्य सामान से भरे ट्रक, ट्रॉले व कैंटर इधर-उधर भेजे जाते हैं। इस्लामुद्दीन का गिरोह इन्हीं सामान से भरे कंटेनरों को टारगेट बनाता है। फिर सामान बेचकर खाली ट्रक या ट्रॉले को भी कभी बेच देते तो कभी लावारिस छोड़कर फरार हो जाते थे।गुड़गांव के डीएलएफ सेक्टर-29 थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर सुरेंद्र फौगाट 30 जून 2016 को अपनी रिट्ज कार से जा रहे थे। रास्ते में उन्हें संदिग्ध युवक खड़े दिखाई दिए। एसएचओ ने कार रोक उनसे पूछताछ की और शक के आधार पर कार में बैठा थाने ले जाने लगे, लेकिन एसएचओ ने गलती यह कर दी कि वह खुद ही चालक की सीट पर बैठ कार चलाने लगे। कुछ दूर चलते ही आरोपितों ने गर्दन से पकड़ एसएचओ को काबू कर पीछे खींच लिया। फिर बंधक बनाकर मारपीट करते हुए अपने साथ ले गए।
2 घंटे बाद सीपी की क्राइम मीटिंग में एसएचओ नहीं पहुंचे और मोबाइल ऑफ मिला तो उनकी तलाश शुरू हुई। फरीदाबाद, पलवल व मेवात पुलिस की मदद से आरोपितों पर नाके लगवाकर दबाव बनाया गया तो एसएचओ को वे यूपी के मथुरा में फेंककर फरार हो गए थे। कार भी लावारिस हालत में मिली थी। एसएचओ से कैश, एटीएम कार्ड लूट ले गए थे।