देश भर में आज मनाया जाएगा हलषष्ठी पर्व ।
भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है यह पर्व।
माताएं संतान के लिए रखती है व्रत
हलछठ का महत्व: भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की जन्मोत्सव के अवसर पर हलषष्ठी मनाई जाती है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां संतान प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत बलराम जी की तरह बलशाली पुत्र की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। इसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में हलछठ के नाम से भी जाना जाता है।व्रतधारी के दौरान महिलाएं पसाई धान के चावल एवं भैंस के दूध का उपयोग करती हैं।अनुसार, भगवान बलराम का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है। हल धारण करने के कारण भी बलरामजी को हलदार नाम से भी जाना जाता है। भगवान बलराम माता देवकी और वासुदेव की सातवीं संतान हैं। यह पर्व श्रावण पूर्णिमा के 6 दिन बाद विभिन्ना नामों के साथ इसे चंद्रषष्ठी बलदेव छठ रंधन षष्ठी कहते हैं।
इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति अथवा संतान की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं। षष्ठी का पर्व 9 अगस्त को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होकर 10 अगस्त की सुबह 6 बजकर 42 मिनट तक रहेगी।संतान की लंबी उम्र की कामना के व्रत हलषष्ठी में आस्था का संचार होता है। माताएं व्रत पूजन के साथ ही अपनी संतान की दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दौरान कठोर व्रत नियम के पालन के साथ ही माताएं अपनी संतान की मंगल कामना के लिए पूजन करती हैं।