उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत में आयुर्वेदिक कॉलेज में बना काढ़ा संक्रामक रोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा
अनुभव अवस्थी पीलीभीत
आज सम्पूर्ण विश्व में फैली महामारी कोविड -19 के चलते अखिल विश्व चिकित्सा जगत भी हैरान है। प्रतिदिन ही नयी शोध हो रहीं हैं लगातार इनका दायरा बढ़ाया जा रहा है। ताकि कोई नई वैक्सीन या दवा सामने आ सके। परंतु अब तक ऐसा सम्भव होता नजर नहीं हो सका है। पर उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल के एक बार फिर अपने कार्य के लिए चर्चा में है। मंडल के जिला पीलीभीत में ललित हरि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर की फार्मेसी अपने नये शोध से फिर चर्चा आयी है । आयुष मंत्रालय की संस्तुति से यहां तैयार आयुष काढ़ा और अमृतादि क्वाथ पूरे जिला सहित मंडल बरेली के लिए भी संजीवनी की तरह कार्य करेगा । इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने कुछ वटी और राज्य सरकार की तरफ से पांच लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। आयुर्वेद की पहल के बाद वायरस संबंधी संक्रामक रोगों पर यह काफी असरदार माना जाता है। आयुष काढ़ा और अमृतादि क्वाथ लोगों में उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसका वितरण मुख्य रूप से क्वारंटीन सेंटर और कंटेनमेंट जोन में कराया जा रहा है । वर्तमान समय में अब कोरोना वायरस संक्रामक रोग बढ़ा है। निरंतर वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है । ऐसे में हमारे देश के आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक कॉलेज को आयुष 64, संशमनीवटी,अगस्त्यहरितकी, अणुपहल मुहैया करा दी है।
वहीं राज्य सरकार ने पांच लाख के बजट के साथ कालीमिर्च, दालचीनी, तुलसी जैसी वटी के साथ काढ़ा आदि बनाने को कहा है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास हैं। यही वजह है कि आयुष काढ़ा और अमृतादि क्वाथ आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में बनाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन और क्वारंटीन सेंटर में भी यह मुख्य रूप से दिया जाएगा। ताकि कोरोना संक्रमण के मरीजों के स्वस्थ होने का प्रतिशत और भी बढ़ सके। यहां के प्राचार्य डॉ. आरके तिवारी ने बताया कि आयुष काढ़ा और क्वाथ मरीजों को वितरित किया जाएगा। इसकी पैकिंग की समस्त तैयारियां चल लगभग पूरी हो गई है । क्वारंटीन सेंटर में भर्ती मरीजों को आयुष काढ़ा और अमृता क्वाथ का वितरण किया जाएगा। इससे मरीजों को शरीर प्रतिरोध वर्धक क्षमता बढ़ेगी।