
रश्मि राजपूत सब एडिटर
तेजस्वी का कहना माननीय मुख्यमंत्री जी को वर्चुअल दूनिया से असली दुनिया में लाना चाहता हूँ और ज़मीनी हकीकत से अवगत कराना चाहता हूँ। नीतीश जी आज बेचैन थे। चुनावी हार को सामने देख मनोबल गिरा हुआ था। चेहरे पर झुँझलाहट, बौखलाहट साफ़ दिख रही थी।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सवाल किए
● आपके पंद्रह वर्षों के शासनकाल में प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों के कक्षाओं में ड्रॉप आउट रेट क्यों अधिक है और बढ़ती गई?
● यूपीए सरकार के समय सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राशि जो मिलती थी वो आपकी डबल इंजन की सरकार में क्यों कम हो गई? जो हजारों करोड़ रुपये यूपीए सरकार ने बिहार को दिए थे उससे आपके कार्यकाल मे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार क्यों नहीं हुआ? आखिर इतने पैसे ख़र्च करने के बावजूद भी हालात सुधर क्यों नहीं रहें?
● आज भी नियोजित शिक्षकों को नियमित क्यों नही किया गया? आख़िर अब भी वो चरणबद्ध तरीके से अपनी माँगो के लिए धरना प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
● हमारी पार्टी की सरकार थी तो लालू जी ने बिहार मे 7 विश्वविद्यालयों की स्थापना की,आपने अपने कार्यकाल में कितने नये विश्वविद्यालयों की स्थापना की?
● आख़िर शिक्षकों के नियोजन में व्यापक भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा क्यों हुआ? एक रिपोर्ट के अनुसार 74 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज़ गायब हैं और उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।सरकार ने ऐसा क्यों किया? उनके दस्तावेज़ कहाँ हैं?
● समान काम समान वेतन की उनकी वाजिब माँग को क्यों नहीं माना गया?
● बिहार के प्राईमरी और सेकंडेरी स्कूलों को मिलाकर स्थायी शिक्षकों के दो लाख से अधिक पद रिक्त हैं।मगर सरकार अब भी इन पदों पर अस्थायी और संविदा पर ही बहाली करने को इच्छुक है।जब इन्हीं शिक्षकों की मदद से पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था को चलना है तो फिर स्थायी और अस्थायी का झमेला क्यों?
● राज्य में पुलिसकर्मियों के 50 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। यह तब है जब बिहार में पुलिस पब्लिक का अनुपात न्यूनतम स्तर पर पहुंचा हुआ है, यहां प्रति एक लाख की आबादी पर सिर्फ 77 पुलिस कर्मी हैं तो आख़िर इनकी बहाली क्यों नहीं हो रही? लॉ एंड ऑर्डर की समस्या इसी कारण से बढ़ती जा रही।
● जूनियर इंजीनियरों के भी 66 फीसदी पद खाली हैं। सरकार कहीं भी चिंतित नज़र नहीं आ रही। मैं समझता हूँ की अगर बिहार सरकार सिर्फ़ स्वीकृत पदों के हिसाब से जो पद ख़ाली पड़े हैं अगर उनपर ही नियुक्ति कर दे तोआधी बेरोज़गारी की समस्या दूर हो जाएगी।
● स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल तो सबसे लचर है और यूँ कहें तो कोई व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं है।आबादी के अनुपात में न तो डॉक्टर हैं और ना ही स्वास्थ्य केंद्र। ऐसी मरणासन्न स्तिथि क्यों?
● किसी भी जिला अस्पताल में ऑपरेशन की व्यवस्था नहीं है।यहाँ तक कि कई जगहों पर तो एक्सरे मशीन तक कि सुविधा नहीं है। हमारे सरकारी अस्पताल सिर्फ़ रेफरल अस्पताल क्यों बन गए हैं?
● अपने पंद्रह सालों में राज्य सरकार ने एक भी multi speciality अस्पताल की स्थापना क्यों नही की?
● इलाज के लिए आज भी बिहार के बाहर हमारे राज्य वासियों को क्यों जाना पड़ता है और वहाँ की सरकार के साथ साथ लोगों द्वारा क्यों प्रताड़ित होना पड़ता है? अगर आपने यहीं अस्पताल बनाये होते, सुविधाएं दीं होती तो बिहारियों को बाहर तंज़ तो नहीं झेलना पड़ता?
● इस वक़्त बिहार के स्वास्थ्य विभाग में कुल स्वीकृत पदों के मुकाबले तीन चौथाई पद खाली हैं. यह स्थिति लम्बे समय से है। डॉक्टर हों या नर्स सभी पदों की हज़ारों पद ख़ाली पड़ी हुईं हैं। आख़िर क्यों?
● बेरोजगारी, ग़रीबी, भुखमरी और पलायन आपके कार्यकाल में क्यों बढती गई?
● नीति आयोग के सारे सूचकांकों पर बिहार साल दर साल क्यों पिछड़ता चला गया और अंतिम पायदान पर पहुंच गया?
● आपके कार्यकाल में 58 घोटालों हुए जिनकी कुल राशि 20 हजार करोड़ से ज्यादा है।आपकी सरकार ने क्यों नहीं जाँच करायी? इतनी बड़ी राशि से कम से कम 2 करोड़ बेरोजगार नौजवानों की नौकरी दी जा सकती थी, कई यूनिवर्सिटी और अत्याधुनिक अस्पताल बन सकते थे लेकिन आपने अपनी जेबें भरी। इसका जवाब दें।
● सृजन घोटाले मे अपने पार्टी के नेताओं पर आपने क्यों नहीं कारवाई की?
● भ्रष्ट नौकरशाहों पर आपने क्यों नही कारवाई की ?उल्टे आपने उनको पुरस्कृत करने का काम किया और रेटायअर्मेंट के बाद सेवा का विस्तार किया और विभिन्न आयोगों की कमान सौंपी।
● सात निश्चय योजना में हमारी गठबंधन की सरकार से हटने के साथ ही व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार क्यों बढ़ गया? क्या किसी भी पंचायत मे इसका क्रियान्वयन सही ढंग से हो पा रहा है?
● मुजफ्फरपुर शेल्टर होम जैसे वीभत्स कांड में संलिप्त अपने नेताओं को क्यों बचा रहें?
● आपके कार्यकाल में दलितों पर अत्याचार क्यों बढ़ा? NCRB के अनुसार देश भर में दलितों पर सबसे ज्यादा क्राइम बिहार में हुए जिसका दर 40.7 है जबकि राष्ट्रीय औसत 21.8 है।
● मनरेगा के तहत आपने कितने लोगों को रोज़गार दिए?
● प्रधानमंत्री द्वारा घोषित तथाकथित 1.65 लाख करोड़ के पैकेज का योजनावार और विभागवार ख़र्च कितना और कहाँ हुआ इसका आंकड़ा सार्वजनिक करें।
● विगत 5 सालों मे केंद्र सरकार से कितने पैसे मिले और कितनी योजनाएं मिलीं इसकी जानकारी साझा करें।
इन सभी सवालों का जवाब माँग रहा बिहार
कहाँ और कब तक भागेंगे आप नीतीश कुमार?