विश्व शांति के लिए मन का शांत होना अति आवश्यक है :डॉ.स्वप्निल अग्रवाल मनोचिकित्सक

आज 23 फरवरी को विश्व शांति और समझ दिवस (World peace And Understanding Day) के अवसर पर शांतम प्रज्ञा आश्रम नशामुक्ति मनो आरोग्य दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में “मानव जीवन में शांति का महत्व” कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति को बनाए रखने के लिए समझ और सद्भावना पर जोर देने के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास करना तथा विश्व में शांति, प्रेम और भाईचारे को बनाए रखना है।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोचिकित्सक डॉ स्वप्निल अग्रवाल जी ने और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पटेल ,शांतम प्रज्ञा आश्रम के संचालक मुकेश कुमार ने भारत माता के तेलचित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया। इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ स्वप्निल अग्रवाल ने बताया कि आज समाज में बढ़ती हिंसा और संघर्ष को समाप्त करने का प्रारंभ हमें स्वयं से करना होगा जब हमारा मन शांत होगा तो हमें चारों ओर शांति और सद्भाव का वातावरण नजर आएगा। आज जिस प्रकार मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंसती जा रही है इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही उपचार की व्यवस्था करनी चाहिए। वही राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पटेल ने विश्व शांति और समझ दिवस (World peace And Understanding Day) पर बताया कि यदि मानव के मूलभूत अधिकारों की रक्षा की जाए तो विश्व में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। अंत में शांतम प्रज्ञा आश्रम के संचालक मुकेश कुमार ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने के लिए हमे अध्यात्म को अपनाना होगा क्योंकि अध्यात्म से आत्मिक शांति का विकास होता है और हम समाज में शांति स्थापित करने में तथा दुनिया के सभी लोगों के बीच सद्भावना, शांति और समझ को बनाए रखने में सफल हो सकते हैं।इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ स्वप्निल अग्रवाल,महेश पटेल,मुकेश कुमार सेन ,राकेश सेन, अनुराग प्रजापति, डॉ.आर एस सेन,संतोष अहिरवार ,अजय सराफ आदि उपस्थित रहे।