RSS प्रमुख मोहन भागवत मथुरा में स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए

अनुभव अवस्थी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार की शाम उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचे। वे यहां तीन दिनों तक वृंदावन के केशवधाम में प्रवास पर आए थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज को केशव नगर स्थित सरस्वती बालिका विद्यालय का लोकार्पण किया। प्रवास के तीसरे दिन भागवत ने विद्यालय का लोकार्पण मां सरस्वती के छवि चित्र के सामने दीप जलाकर किया। इस मौके पर भागवत ने कहा कि आज की हमारी आवश्यकता क्या है? आज की हमारी स्थिति क्या है? एक वैभव सम्पन्न देश खड़ा करने में मैं कैसे एक उपकरण बनूंगा, इसकी समझदारी देने वाली शिक्षा चाहिए। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में यह मिलता है।
पदाधिकारियों के साथ श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि पर चर्चा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार की शाम वृंदावन पहुंचे। तीर्थनगरी में अपने प्रवास के पहले दिन सरसंघचालक ने ब्रज प्रांत कार्यकारिणी सहित शीर्ष पदाधिकारियों के साथ श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण राशि संग्रह महाअभियान को लेकर चर्चा की। इसमें घर-घर पहुंचने के लिए भाजपा के साथ अन्य दलों के सहयोग की रणनीति पर भी मंथन किया। सह कार्यवाह दत्तात्रेय होशबाले की मौजूदगी में प्रांत कार्यवाह राजपाल, सह प्रांत कार्यवाह राजकुमार सहित ब्रज प्रांत के 44 पदाधिकारी इस बैठक में शामिल रहे।
शिक्षा से सशक्त बनाने की बात कही
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संचालित शिक्षा के मंदिर से देश में शिक्षा से महिलाएं बनेंगी सशक्त’ मोहन भागवत ने कहा कि आज ऐसे विद्यालय का शुभारंभ हुआ है जिसमें बालिकाएं शिक्षित होंगी। आज हमारे देश को महिला वर्ग को शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। इससे उसकी क्षमता बढ़ेगी। भारत की महिलाएं जब सशक्त बनेंगी तो अपने देश के पुरुषों समेत देश का उद्धार तो करेंगी ही, पूरे जगत के लिए उसका वरदहस्त एक सुखद वरदान लेकर आएगा। संघ प्रमुख ने कहा कि भविष्य के जीवन में सर्वांगीण शिक्षा कैसी होनी चाहिए, ये समस्या नहीं है। हमारे पास उसका तंत्र है। उसके लिए हमें अपनी आत्मा में झांकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आई है पर लागू नहीं है। मुझे लगता है इस विद्यालय में सर्वप्रथम लागू होगी। महिलाओं को शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “शिक्षा समाप्त होने के बाद व्यक्ति के अंदर इतना आत्मविश्वास होना चाहिए कि वे अपने बलबूते खुद को और अपने परिवार को चलाते हुए समाज के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा कर सके।”