

अनुभव अवस्थी
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत भी हो चुकी है जो बेनतीजा ही रही हैं। अब 29 दिसंबर को एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बातचीत के बाद कोई हल निकलेगा ।
वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साधे हैं। किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगातार किसानों के समर्थन में बोलते हुए केन्द्र सरकार को घेर रहे हैं। राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। किसानों का समर्थन करते हुए राहुल ने एक कविता ट्वीट की है। उन्होंने लिखा, –
‘वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, वॉटर गन की बौछार हो या गीदड़ भभकी हजार हो। तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं, वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो।’
शनिवार को भी राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुननी होगी और कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। राहुल गांधी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था, “मिट्टी का कण कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पडे़गा।”
इससे पूर्व भी कांग्रेस के कई अन्य पदाधिकारी भी केन्द्र सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर निशाना साधते रहते हैं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, गुलाम नबी आज़ाद और अधीर रंजन चौधरी जैसे अन्य पार्टी नेताओं के साथ, 24 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन गए थे। उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को दो करोड़ के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई – 26 नवंबर से दिल्ली के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों की ये ही मुख्य मांग है।