सवाल देश की बेटी का


प्रज्ञा शर्मा
आज अमेरिका से 400 ऑक्सीजन सिलेंडर ,10 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किट भारत पहुच चुकी है । क्या ये सब मोदी जी की सिफारिश पर हुआ यह कहना थोड़ा ठीक नही लगे लेकिन जब अमेरिका भारत की मदद से इनकार कर चुका था फिर मोदीजी के एक कॉल के बाद कैसे मान गया ,खैर सिफारिश का अंदाजा तो हम लगा ही सकते है ।
ठीक है हम पीएम पर सवाल नही उठाते वो जिस पद पर है हमसे कही ज्यादा समझदार होंगे इसमे कोई असमंजस वाली बात नही है । लेकिन देश की बेटी आज देश के पीएम से एक सवाल पूछना चाहती है । कि अगर आप बात करते है। कि इतने बेड है। ऑक्सीजन की कोई कमी नही है । तो फिर इंसान क्यों मर रहे है ? क्यों कोरोना पॉजिटव आने पर आम इंसान घबरा जाता है ? कोई तो इसी घबराहट में दम तोड़ देता है । क्यों पर्याप्त व्यवस्था के बाद भी इंसानो को तकलीफो का सामना करना पड़ रहा है ? क्यों यहां व्यक्ति एक दूसरे की मदद करने को तैयार नही है ? क्यों रेमडेसीवीर कोई 50,000 कोई 25,000 तो कोई 1.50 लाख में दो बेच रहा है ? क्यों रेमडेसीवीर के नाम पर बोतल में ग्लूकोस डालकर बेचा जा रहा है क्यों आखिर क्यों ? क्यों ऑक्सीजन के टैंकर भारत की सीमा के बाहर रोके जा रहे है ? क्यों ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जा रही है ? क्यों वैक्सीन की आपुर्ति नही हो पा रही है । क्यों कोरोना नाम से इंसान घबरा रहा है ?
बड़ी बडी बाते करने वाली सरकार हॉस्पिटलों में बेड के बजाय शमशानों में मुर्दाघर बड़ा रही है ? क्यों स्वास्थ कर्मचारियों के उपचार के बजाय उनके दिवंगत के बाद उनके परिजनो को धनराशि देने की बात कर रही है ? इतना ही नही लॉकडाउन में प्रशासन जिलों, कस्बो, गावो की सीमा पर तैनात है। लेकिन गावो के अंदर क्या हो रहा है इसका अंदाजा तक नही है ? क्या यह भारत है ? क्या यह भारत का विकास है । और क्या यह विकासशील भारत है ? …..