
अनुभव अवस्थी
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा हो गया है। 28 साल की लंबी सियासी पारी खेलने के बाद उन्हें आज सदन से विदाई दी जाएगी। पांच बार राज्यसभा सांसद और दो बार लोकसभा सदस्य रहे चुके गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देते वक्त भावुक हो गए। उन्होंने गुलाम नबी आजाद से अपनी दोस्ती का जिक्र किया। कश्मीर में हुई एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए मोदी कई बार रुके, रोए और आंसू पोंछे, फिर थरथराते शब्दों में कहा- आजाद उस वक्त इस तरह से फिक्रमंद थे, जैसे कोई अपने परिवार के लिए होता है।
भरे गले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनाया जम्मू-कश्मीर का एक किस्सा
आज राज्य सभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल पूर्ण होने पर विदाई पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि, जब आप मुख्यमंत्री थे, मैं भी एक राज्य के मुख्यमंत्री के नाते काम करता था। हमारी उस काल तक अच्छी घनिष्ठता थी। शायद ही कोई घटना ऐसी होगी जब हम दोनों के बीच में संपर्क सेतु नहीं रहा हो। कश्मीर की एक घटना को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, एक बार गुजरात के यात्री कश्मीर गए थे। वहां आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया। उस दर्दनाक घटना में करीब 8 लोग मारे गए थे।
परिवार के सदस्य की तरह करते थे चिंता
उस समय सबसे पहले गुलाम नबी जी को मुझे फोन आया। और वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षामंत्री थे। इस घटनाक्रम पर मैंने प्रणव मुखर्जी जी को फोन किया। मुझे मृत शव को लाने के लिए फोर्स का हवाई जहाज को मिल जाए। तकरीबन रात देर हो चुकी थी। प्रणब जी ने कहा आप चिंता मत कीजिए मैं व्यवस्था करता हूं। रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया । वे उस समय एयरपोर्ट पर थे। उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करे वैसी चिंता…पद, सत्ता जीवन में आती रहती है, लेकिन उसे कैसे पचाना है। मेरे लिए बड़ा भावुक पल था। दूसरे दिन सुबह फोन आया। मोदी जी सब लोग पहुंच गए। इसलिए एक मित्र के रूप में गुलाम नबी जी को घटनाओं और अनुभवों के आधार पर में आदार करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है। उनकी सौम्यता, नम्रता इस देश के लिए कुछ करने की उनकी कामना उन्हें चैन से बैठन नहीं देगी। मैं फिर एक बार उनकी सेवाओं के लिए आदारपूर्वक धन्यवाद करता हूं। मन से मत मानो की आप इस सदन में नहीं है। आपके लिए मेरे द्वार हमेशा खुले हैं। आपके सुझावों का स्वागत करता हूं। आपको मेरी शुभकमनाएं।
गुलाम नबी आजाद की छबि की मिलान करना मुश्किल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सभा में विपक्ष के कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे लेकिन देश की और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।’