
रश्मि राजपूत बिहार
ये है एन.एच-80 जो कभी जाम की भयावहता से बेहाल रहता है तो इस सडक के गड्ढे से इच्छुक व्यक्ति आसानी से धान की खेती कर सकते हैं या मछली पालन! इसके स्थिति का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि साधारण भागलपुर से कहलगाँव लगभग 30 किमी की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं! अगर मेडिकल इमरजेंसी है तो महाजाम में फंसे तो भगवान भरोसे ही आप अस्पताल पहुँच पायेंगे ! इतने जनप्रतिनिधियों के रहते कोई इस गंभीर समस्या का हल नहीं ढूंढ पाए! लोग भी इस समस्या को नियति मान बैठे! आखिर किसके षड्यंत्र के तहत एन.एच-80 की स्थिति दयनीय है! सूत्रों के मुताबिक व पहले भी खबरों का प्रकाशन हुआ है लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयों ने इसको अपने सज्ञान में नहीं लिया
चुनावी माहौल है जनमानस परेशान हैं, न जाने कितने मेडिकल इमरजेंसी में रास्ते में ही गुजर बसे, इन सब घटनाओ की कौन जिम्मादी लेगा ! लेकिन पक्ष व विपक्ष की राजनीति में इसपर कोई प्रतिक्रिया व दबाव न बनाना किस बात की ओर इशारा कर रहा है ये जानने की उत्सुकता लोगों को है!
आखिर खेल क्या है शहर के तमाम संस्थाओं ने मिलकर मुहिम चलायी, सैंकड़ों नवयुवकों ने ट्वीट पर ट्वीट किया जनप्रतिनिधियों का लेकिन कार्य तो दूर किसी ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया भी देना उचित नहीं समझा !
अब तो लोगों ने भी कहना शुरू कर दिया बहुत हो गयी NH80 के नाम की राजनीति अब समस्या का निजात तभी वोट का साथ!
अब सवाल है आखिर इस बदहाली का जिम्मा किस पर थोपा जाए क्योंकि सभी अधिकारी व जन प्रतिनिधि अपने दायित्वों को एक दूसरे पर प्रत्यारोपित कर रहे हैं! इस स्थिति में अब जनता भी आक्रोशित हो चुकी है! इस गंभीर जरूरतों के प्रति भी दायित्व का निर्वहन न करना किसकी जवाबदेही है या सिर्फ वोट की राजनीति के लिए एन.एच-80 है!