
देश में बेरोजागरी के मुद्दे पर पिछले एक पखवाड़े से सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठा रहे देशभर के लाखों लोग और प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कल 5 सितंबर को फिर ट्वीटर पर सामने आए। प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित न होने व रूके हुए परिणाम घोषित न होने से निराश लोग आज 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के दिन शाम को 5 बजे 5 मिनट तक ताली-थाली बजाते और बढ़ती बेरोजगारी, भर्ती परीक्षाओं और उनके परिणामों के स्थगन आदि के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करते नजर आए ।
ट्वीटर पर यह ताली-थाली का कार्यक्रम ठीक उसी तर्ज पर चला, जिस तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वारियर्स के सम्मान में देशवासियों को 22 मार्च को 5 मिनट के लिए ताली-थाली बजाने को कहा था। उस वक्त सभी देशवासियों के साथ युवाओं ने भी सरकार के इस कदम का साथ दिया था और घरों से निकल कर ताली-थाली बजाई थी। लेकिन उस कार्यक्रम के लगभग 5 महीने के बाद अब जब देश अनलॉक प्रक्रिया के तहत पूरी तरह से खुल गया है। सरकारें नीट, जी, नेट, बीएड और बीएचयू, डीयू, जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा कराने लगी हैं, तब ये प्रतियोगी छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट और परीक्षा तारीख का ऐलान करने की मांग सरकार से कर रहे हैं।
ऐसे ही एक अभ्यर्थी प्रधानमंत्री को लिखी एक चिट्ठी में कहते हैं, “देश के युवाओं ने आपका हमेशा भरपूर समर्थन दिया है, आपके कहने पर ताली-थाली भी बजाई है। लेकिन बेरोजगारी के मसले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी अखर रही है और इससे छात्र और अभ्यर्थी निराशा के गर्त में जा रहे हैं।” गौरतलब है कि बीते रविवार 30 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने देश से ‘मन की बात’ की थी, लेकिन उन्होंने नीट, जी, एसएससी, रेलवे, यूपीएसएसएससी, बिहार एसटीईटी सहित तमाम छात्रों के मुद्दों को अपने इस संबोधन में नहीं शामिल किया था। जिससे इस परीक्षा की तैयारी में जुटे लोग निराश हो गए थे।