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13 देशों को पीछे छोड़ पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने पाया अंतरराष्ट्रीय टीएक्स-2 सम्मान

अनुभव अवस्थी

उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड एवं नैपाल सीमा से सटा तराई क्षेत्र का जिला पीलीभीत । यहां के टाईगर रिजर्व को अंतर्राष्ट्रीय टीएक्स-2 अवॉर्ड के खिताब से सम्मानित किया गया है । यह पुरस्कार बाघों की वंशवृद्धि मामले में तेजी से बढ़े आंकड़ों के आधार पर दिया गया है । महज चार साल के भीतर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 25 से बढ़कर 65 हो गई है । दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिग पर हुए समारोह में प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षण को फोरम की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है । जिससे पूरे देश का मान बढ़ा है । टाईगर रिजर्व से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, व वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह है । वहीं, पीलीभीत टाईगर रिजर्व को केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी बधाई दी है ।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व और राज्य के वन विभाग ने 10 साल की जगह 4 साल में ही बाघों की आबादी दोगुनी करके पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार टीएक्स- 2 हासिल किया है। देश की 13 टाइगर रेंज में ये पुरस्कार पाने वाला पीलीभीत टाइगर रिजर्व पहला टाइगर रेंज है । इस उपलब्धि के बाद टाइगर रिजर्व से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों और वन्यजीवों में उत्साह है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने कहा है कि यहां बाघों का संरक्षण और वृद्धि संबंधित अन्य संस्थाओं के सहयोग से ही संभव हो सकी है। ये सभी की कोशिशों का ही नतीजा है।


तराई के इस छोटे से जिले पीलीभीत के जंगल में बाघ तो काफी पहले से ही रह रहे हैं। यहां के जंगल में वास करने वाले बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए विगत चार जून 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था । उस दौरान पूरे जंगल में बाघों की कुल संख्या 25 थी । टाइगर रिजर्व बनने के बाद जंगल में बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइड लाइन पर कार्य किया गया। उसी का परिणाम रहा कि जब वर्ष 2018 में प्राधिकरण ने जब यहां बाघों की गणना कराई तो पता चला कि चार साल में ही यहां बाघों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है ।


पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने 13 देशों को पछाड़ कर नंबर वन की रैंकिंग हासिल की है। नेपाल भूटान, भारत, रूस, इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि में मॉनीटरिंग के बाद ये तय हुआ है कि भारत में सबसे तेजी से बाघों की संख्या अगर कहीं बढ़ी है तो वो पीलीभीत जिला है। इसलिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय ग्लोबल अवॉर्ड देने का फैसला किया गया।
वर्चुअल समारोह में बताया नंबर वन पीलीभीत टाइगर रिजर्व को वर्चुअल समारोह में नंबर वन की उपाधि दी गई है। दरअसल, यूनाइटेड नेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम यानि यूएनडीपी और इंटरनेशनल यूनीयन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर यानि आईयूसीएन की तरफ से आयोजित एक वर्चुअल समोराह में पीलीभीत के टाइगर रिजर्व को नंबर वन बताया गया है। यह संस्था बाघों पर किए जाने वाले काम और उनकी देखरेख के सिलसिले में किए जा रहे प्रयासों को देखती है। इस वर्ष पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सम्बंधित एक अंक प्रत्यंचा ने पहले भी प्रकाशित किया था ।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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