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सैलानियों के स्वागत के लिए नये अवतार में नजर आएगा उत्तर प्रदेश में पीलीभीत टाईगर रिजर्व

अनुभव अवस्थी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र इस बार 15 दिन पहले एक नवंबर से शुरू होने जा रहा है। महोफ रेंज स्थित पिकनिक स्पॉट चूका बीच को संवारने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दी गई है। इस बार चूका बीच पर्यटकों के लिए नये लुक में नजर आएगा। यहां बनी हटों को नया लुक दिया जा रहा है। सैलानियों को अभी इन हटों में रहने का अवसर नहीं मिल सकेगा। वन अफसरों के मुताबिक, 15 नवंबर से पहले ही हटों का काम पूरा हो जाएगा। चूका बीच जाने वाले सैलानी इस बार शारदा सागर डैम में बोटिंग का लुत्फ ले सकेंगे।
पीलीभीत टाईगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले, लखीमपुर खीरी जिले और बहराईच जिले में बना हुआ है। पीलीभीत टाईगर रिजर्व विविध और उत्पादक तराई पारिस्थितिक तंत्र का एक बेहतरीन उदाहरण है।पीलीभीत टाईगर रिजर्व को सितंबर 2008 में स्थापित किया गया था। यह भारत का 45वां टाईगर रिजर्व प्रोजेक्ट है। रिजर्व का उत्तरी भाग भारत-नेपाल सीमा से लगा हुआ है, जबकि दक्षिण भाग शारदा और खखरा नदी से जुड़ा हुआ है। वाईल्डलाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार दुधवा-पीलीभीत जनसंख्या में उच्च संरक्षण के गुण हैं, क्योंकि यह केवल बाघ की आबादी का प्रतिनिधित्व करती है, जो कि बाघ के पारिस्थितिक और व्यवहारिक रूपांतरों को दर्शाता है, और तराई क्षेत्र में अद्वितीय है। यह 127 से ज्यादा जानवरों, 326 पक्षियों की प्रजातियों और 2,100 पुष्पों के लिए एक बेहतर निवास है। यह उच्च सैल वन, वृक्षारोपण और कई जल निकायों के साथ घास के मैदानों का मोज़ेक है। यह जंगल बहुत से जंगली जानवरों जैसे लुप्तप्राय बाघ, दलदली हिरण, चीता आदि के लिए एक घर जैसा है। यहां पर पक्षियों का जीवन और संरक्षण काफी हद तक बेहतर है, जिसके चलते यहां पर तमाम पक्षियों की प्रजाति को देखा जा सकता है। चुका इंटरप्रिटेशन जोन के साथ नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर, कॉटेज और जल निकायों की किनारे, पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध और लोकप्रिय है। भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 1300 प्रजातियों के पक्षी देखे जाते हैं, जिनमें से 326 प्रजातियां पीलीभीत टाईगर रिजर्व में देखी जा सकती हैं, जिनमें लाल जंगली मुर्गी, हॉर्नबिल, पी फाउल, फिश ईगल, ब्लैक नेक स्टोर्क, वूली नेक स्टोर्क, ड्रोंगो, नाईट जार, ग्रीन पिजन, स्पॉटड आउल, जंगल बाब्लर, ब्लैक फ्रैंकोलिन, फिश आउल, आदि शामिल है। इसके अतिरिक्त जानवरों की अन्य प्रजातियां जैसे तेंदुआ, भालू, जंगली सुअर, दलदली हिरण, चित्तीदार हिरण, हॉग हिरण, भौंकने वाला हिरण, अजगर, छिपकली आदि भी पीलीभीत टाईगर रिजर्व में पायी जाती हैं और इसकी पारिस्थितिकी में समानान्तर भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां बहुत से लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे कि ओटर, पैंगोलिन, बंगाल फ्लोरिसन, भारतीय गिद्ध भी यहां पर देखने को मिलते हैं।
जंगल की चार रेंजों में आधुनिक कैमरायुक्त मोबाइल ई-सर्विलांस टावर लगाए गए हैं ताकि बाघ यदि बीमारी या किसी मुसीबत में हो तो उसे तत्काल रेस्क्यू किया जा सके। बाघ आम रास्तों पर न निकल सकें, इसके लिए ऐसी जगहों पर सोलर फेंसिंग लगाई गई है। यह लोहे का तार है।
टाइगर रिजर्व में प्रकृति प्रेमी 24 घंटे बाद जंगल की छटा करीब से निहार सकेंगे। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार पहली नवंबर को देशी और विदेशी सैलानियों के सैर सपाटे के लिए खोल दिए जाएंगे। सैलानियों की सुविधा के लिए इस बार पूरनपुर समेत पांच स्थानों पर बुकिंग सेंटर खोले जाएंगे और इन्हीं सेंटरों पर वाहन सुविधा भी मिल सकेगी। पूरनपुर समेत पांच स्थानों पर होगी बुकिंग की सुविधा
सैलानियों की सुविधा के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इस बार पांच स्थानों पर बुकिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। सैलानी मुस्तफाबाद वन विश्राम गृह, महोफ रेंज परिसर, शहर स्थित नेहरू ऊर्जा उद्यान, असम चौराहा और पूरनपुर स्थित शहीद सुरेंद्र सिंह लवाणा पार्क के समीप स्थित बुकिंग सेंटरों पर बुकिंग करा सकेंगे। इन सभी स्थानों पर पीटीआर पहुंचने के लिए वाहन की सुविधा भी मुहैय्या कराई जाएगी। गत वर्ष तीन स्थानों पर ही बुकिंग होती थी।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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