जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, वहां कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र पर नहीं होगी पीएम मोदी की तस्वीर


देश में चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना 10 मार्च को होगी। और उस दिन से आचार संहिता लागू हो जाएगी।

चुनाव आयोग की मतदान और मतगणना की तारीखें घोषित करने के बाद, पांच राज्यों में फरवरी से मार्च के बीच होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसके चलते इन राज्यों में जारी होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के प्रमाणपत्रों पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं दिखाई जाएगी।
आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन सॉफ़्टवेयर पर फ़िल्टर लागू किया ताकि जिन 5 राज्यों में चुनाव होने हैं वहां वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाई न दे: सूत्र
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2022
न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन सॉफ़्टवेयर पर फ़िल्टर लागू कर दिया है, जिससे जिन 5 राज्यों में चुनाव होने हैं वहां वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाई न दे। इसका पालन करते हुए मतदान वाले राज्यों में शनिवार रात से ही टीकाकरण प्रमाण पत्र से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम और फोटो हटा दिया गया।
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान होंगे, दूसरे चरण में 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण और पंजाब में एक चरण, उत्तराखंड में एक चरण, गोवा में एक चरण में मतदान पूरे होंगे: मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा pic.twitter.com/kpHaxeAIRI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2022
जैसा कि चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना 10 मार्च को होगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही सरकारों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

इससे पहले मार्च 2021 में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग के सुझाव पर असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में चुनावों के दौरान भी इसी तरह का कदम उठाया था।
