हमारी सरकार दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आती, हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।- पीएम मोदी, देहरादून से

उत्तराखंड में चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून से प्रदेश को 18 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। प्रधानमंत्री ने 15626 की योजनाओं का शिलान्यास और 2573 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायु सेना के विमान से करीब 12:50 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां भाजपा के प्रदेश नेताओं व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, डीजीपी अशोक कुमार और मुख्य सचिव एस एस संधू ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परेड मैदान के लिए रवाना हुए।
इन योजनाओं का किया शिलान्यास
– दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे
– ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट
– हरिद्वार रिंग रोड
– लक्ष्मण झूला के पास पुल
– देहरादून-पौंटा साहिब मार्ग
इनका किया लोकार्पण
– व्यासी जल विद्युत परियोजना
– ऑल वेदर रोड, देवप्रयाग से श्रीकोट
– ऑल वेदर रोड, ब्रहम्पुरी से कौड़ियाला
– ऑल वेदर रोड, लामबगड़
– ऑल वेदर रोड, साकणीधार, देवप्रयाग और श्रीनगर
– हिमालयन कल्चरल सेंटर देहरादून
– सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में वो आकर्षण है, जो हर किसी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता हैं। देहरादून में शनिवार को परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन में भी यह मंत्र मुग्ध जादू देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां अपने भाषण की शुरुआत गढ़वाली बोली से की, वहीं अंत कविता की कुछ पंक्तियों से किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अंदाज में कहा, उत्तराखंड का सभी दाणा सयानो, दीदी भूलियो, चची और भय बहणों, आप सभी छ मेरा प्रणाम। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, उत्तराखंड का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बीते 5 वर्षों में उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। यहां की सरकार इन्हें धरातल पर उतार रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए आज उत्तराखंड में 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया गया है। ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगी। जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का क्या फायदा है, वह देख सकते हैं, कैसे ये सरकार विकास की गंगा बहा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे हमारे विकास के मॉडल का भी प्रमाण होगा। इसमें एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनेगा। पहले जब भी मैं उत्तराखंड आता था याद रखना आने-जाने वालों से मिलता था वह हमेशा कहते थे मोदी जी दिल्ली से देहरादून की यात्रा गणेशपुर तक तो आसानी से हो जाती है, लेकिन गणेशपुर से देहरादून तक बड़ी मुश्किल होती है आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो दिल्ली से देहरादून आने में जो समय लगता है वह करीब करीब आधा हो जाएगा। इससे ना केवल देहरादून के लोगों को फायदा पहुंचेगा बल्कि हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली बागपत और मेरठ जाने वालों को भी सुविधा होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच वर्ष पहले मैंने कहा था, जो कहा था, उसको याद करने की ताकत राजनेताओं में जरा कम होती है, मुझमें है। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि उत्तराखंड का पाणी और जवानी उत्तराखंड के काम ही आली। एक समय पहाड़ पर रहने वाले लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का सपना ही देखते थे। लेकिन जब कुछ करने का जुनून हो तो सूरत भी बदलती है और सीरत भी बदलती है। आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती की लोग समस्या लेकर आएंगे। आज सरकार सीधे नागरिकों के पास जाती है। एक समय था कि उत्तराखंड में सवा लाख घरों में नल से जल पहुंचता था। आज सात लाख से ज्यादा घरों में जल पहुंच रहा है। पूर्व की सरकारों ने हर स्तर पर सेनाओं को निराश करने की कसम खाई हुई थी लेकिन हमारी सरकार दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आती।
2007 से 2014 के बीच केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में 600 करोड़ रुपये के केवल 288 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया। जबकि हमारी सरकार ने अपने 7 वर्षों में उत्तराखंड में 12,000 करोड़ रुपये के 2,000 किलोमीटर से अधिक के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है। कोरोनकाल में उत्तराखंड में 50 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। आज प्रदेश मे नए मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, भावी पीढ़ी के भविष्य को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। समय के साथ हमारे देश की राजनीति में कईं विकृतियां आ गई हैं। कुछ राजनीतिक दल समाज मे किसी खास धर्म, जाति या अपने इलाके की तरफ ध्यान देते हैं। उसमें उन्हें वोटबैंक नजर आता है। इन दलों ने एक और तरीका अपनाया है। जनता को मजबूत नहीं होने देना। वह चाहते रहे कि जनता हमेशा मजबूर बनी रहे। जनता को अपना मोहताज बनाओ, ताकि उनका ताज महफूज रहे। उन दलों के सभी प्रयास इसी दिशा में हुए। हमने एक नया रास्ता चुना है, वह मार्ग कठिन है लेकिन देशहित में है। सबका साथ, सबका विकास हमारा मार्ग है। हम जो भी योजना लाएंगे, सबके लिए लाएंगे। बिना भेदभाव के लाएंगे।

उन्होंने कहा कि मैं देवभूमि में आया हूं, वीरमाताओं की भूमि में आया हूं, तो कुछ भाव पुष्प, कुछ श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। कहा कि कुछ पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं….
जहां पवन बहे संकल्प लिए,
जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं,
जहां ऊंचे नीचे सब रस्ते
बस भक्ति के सुर में गाते हैं
उस देवभूमि के ध्यान से ही
उस देवभूमि के ध्यान से ही
मैं सदा धन्य हो जाता हूं
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा,
मैं तुमको शीश नवाता हूं, मैं तुमको शीश नवाता हूं
और धन्य-धन्य हो जाता हूं।
तूम आंचल हो भारत मां का,
जीवन की धूप में छांव हो तुम,
बस छूने से ही तर जाए,
सबसे पवित्र, वो धरा हो तुम
बस लिए समर्पण तन-मन से
बस लिए समर्पण तन-मन से
मैं देवभूमि में आता हूं,
मैं देवभूमि में आता हूं
हे भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूं।
मैं तुमको शीश नवाता हूं।
और धन्य-धन्य हो जाता हूं
जहां अंजुली में गंगा जल हो
जहां हर एक मन बस निश्छल हो
जहां गांव-गांव में देश भक्त
जहां नारी में सच्चा बल हो
उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए
मैं चलता जाता हूँ।
उस देवभूमि का आशीर्वाद
मैं चलता जाता हूं,
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूं।
मंडवे की रोटी
हुड़के की थाप
हर एक मन करता
शिवजी का जाप
ऋषि मुनियों की है
ये तपो भूमि
कितने वीरों की ये जन्मभूमि
मैं देवभूमि आता हूं
मैं तुमको शीश नवाता हूं
और धन्य धन्य हो जाता हूं
मैंन तुमको शीश नवाता हूं
और धन्य धन्य हो जाता हूं।