मध्यप्रदेश में सिर्फ अधिमान्य पत्रकार ही होंगे फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा

गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी योजना में शामिल करने की मांग तेज़
सिवनी विधयाक दिनेश राय “मुनमुन” ने भी लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
भारत भूषण,भोपाल ब्यूरो
भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वैसे तो आम जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं, उनकी कई समदर्शी योजनाएं और कई फैसले इस बात की गवाही देते हैं । लेकिन हाल ही में लिया गया एक निर्णय मध्यप्रदेश के कई पत्रकारों को रास नहीं आ रहा, दरअसल मध्यप्रदेश में पत्रकारों को भी कोविड फ्रंटलाइन वर्कर में शामिल किए जाने की मांग लगातार जारी थी जिसे स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य के अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया है । लेकिन शासकीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही इस योजना में शामिल किए जाने से गैर अधिमान्य पत्रकार इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं, बड़ी बात ये भी है कि कई वरिष्ठ और अधिमान्य पत्रकार व संगठन भी गैर अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स में शामिल करने का समर्थन कर रहे हैं ।
मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट में लिखा कि “हमारे पत्रकार मित्र कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने ‘फ्रंटलाइन वर्कर’ घोषित करने का निर्णय लिया है। उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा और उनकी पूरी चिंता की जाएगी।” लेकिन सवाल उन पत्रकारों का भी है जो कई सालों से पत्रकारिता कर रहे हैं लेकिन अभी तक अधिमान्यता नहीं करा पाए हैं । हालांकि शिवराज सरकार का ये फैसला कहीं न कहीं कलमकारों को राहत देने वाला है लेकिन अधिमान्यता की शर्त पर पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग इससे वंचित रह जायेगा । पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ भी अब पत्रकार बिरादरी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं उन्होंने भी मुख्यमंत्री को संबोधित एक संदेश में कहा कि फील्ड में काम करने वाले कई पत्रकारों को अधिमान्यता का दर्जा प्राप्त नहीं है, फिर भी अपनी जान को संकट में डालकर वे काम कर रहे हैं । कमलनाथ ने सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देने की मांग की है । वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी कोरोना काल मे फील्ड में काम करने वाले सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर में सम्मिलित करने की मांग की, इसी क्रम में युवा पत्रकार संघ के अध्यक्ष हृदेश धारवार ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिमान्य के साथ ही गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देने की मांग की है । जानकरों की माने तो हर संस्था के लिए जमीन पर काम करने वाले सभी कर्मचारी अधिमान्य नहीं होते, लेकिन इन कर्मचारियों पर कई कामों की जिम्मेदारी होती है । गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर में सम्मिलित करने की ये मांग कितना असर करेगी और सरकार इस दिशा में क्या फैसला लेगी ये आने वाला वक़्त ही तय बताएगा, लेकिन मुख्यमंत्री को इस विषय मे विचार अवश्य करना चाहिए ।
