
संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देशवासियों को संबोधित किया और कानून एवं संविधान को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने ‘एक देश एक चुनाव’ को भारत की जरूरत बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है बल्कि देश की आवश्यकता भी है। केवड़िया में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सत्र समापन समारोह पर प्रधानमंत्री मंत्री ने यह संबोधन दिया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की जरूरत भी है। यह विकास कार्यों में भी बाधा ड़ालता है और आप सभी लोग यह बात जानते हैं। हमें गंभीरता से इस पर सोचने की आवश्यकता है और कार्यालय-धारक इस पर विचार विमर्श कर सकते हैं।’
मोदी ने कहा कि हमारे कानूनों की भाषा बहुत सरल और आम जन के समझ में आने वाली होनी चाहिए ताकि वे हर कानून को ठीक से समझ सकें। उन्होंने कहा कि पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया भी सरल होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि एक ऐसी प्रक्रिया लागू की जाए जिसमें जैसे ही हम किसी पुराने कानून में सुधार करें, तो पुराना कानून स्वत: ही निरस्त हो जाए।