नई शिक्षा नीति का स्वागत है परंतु कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया गया : नागरिक उपभोक्ता मंच जबलपुर
जबलपुर । नागरिक उपभोक्ता मंच के सदस्यो ने पीएमओ को पत्र लिखकर नई शिक्षा नीति का स्वागत किया वही कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज करने पर आपत्ति जताई और इनको भी नीति में शामिल करने की मांग की है। प्रान्तीय संयोजक मनीष शर्मा ने बताया कि पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार को नई शिक्षा नीति में व्याप्त कमियों पर ध्यान आकर्षित किया है
1- नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा खासकर निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण हेतु कोई भी नियामक आयोग नही बनाया गया है स्पष्ट है इस समय सम्पूर्ण देश में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आक्रोश है जिसे सरकार ने नजरअंदाज किया है।
2-विदेशी शिक्षण संस्थानों को देश में अपने संस्थान खोलने की अनुमति दी जाएगी परंतु देश के जो शिक्षण संस्थान है उनका प्रचार-प्रसार विदेशों में किये जाने का कोई योजना नही है।
3- कॉलेजेस को बार बार की मान्यता से मुक्ति देने का अर्थ है उनपर नियंत्रण समाप्त कर देना ऐसे में निजी कॉलेजेस मनमानी पर उतारू हो जाएंगे।
4-स्टूडेंट्स द्वारा दूसरे स्टूडेंट्स का अससेमेंट्स जिसे मार्कशीट में भी प्रदर्शित किया जाएगा , गौरतलब यह है कि अनुभवहीन विद्यार्थी कैसे सहपाठियों का असेसमेंट कर सकते हैं , भेदभावपूर्ण या पक्षपातरहित कैसे करेंगे ?
मंच के राकेश चक्रवर्ती, प्रफुल्ल सक्सेना, विनोद पांडेय आदि सदस्यो ने बताया कि जब नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट जारी कर सुझाव मांगे गए थे तब इन मुद्दों पर आपत्तियां उठायी थी तथा सरकार को सुझाव दिया था परंतु सरकार ने सुझाव पर ध्यान नहीं दिया