इंदौर महानगर का शासकीय अस्पताल एमवाय, ओपीडी में की जाती है लापरवाही…


इंदौर महानगर शासकीय अस्पताल एमवाय में ओपीडी में की जाती है भारी लापरवाही,
लापरवाही का मुख्य कारण कॉलेज के छात्र छात्राओं द्वारा एमवाय अस्पताल में कार्य किया जाता है जिन नर्सों को सुई तक लगाने का अनुभव नहीं है उन से सुई लगवाने का कार्य करवाया जा रहा है।
जिसका नतीजा होता है कि उनको नसो तक का तो क्या नहीं है की की नसों में सुई लगानी है।
मरीज के हाथों में इतनी बार से लगाई जाती है कि हर सुई आउट हो जाती है, बार-बार सॉरी आउट होने का कारण यह है कि बिना अनुभवहीन है जिसकी वजह से इन पर नसों का ज्ञान तक नहीं है और यह अनुभव इतने बड़े अस्पताल में कार्य कर रहे हैं।
पूर्व में भी परिजनों के आरोप लगाने पर डॉक्टर और मरीज के परिजनों में नोकझोंक कोई और साथी नोकझोंक इतनी बढ़ गई कि हाथापाई पर उतर आए ।
इस प्रकार की छोटी-छोटी लापरवाही मरीज के लिए बड़ी बीमारी होने की आशंका बन जाती है छोटी-छोटी लापरवाही से मरीज को अगर कुछ हो जाता है तो फिर परिजनों द्वारा आक्रोश जताया जाता है और सफाई में डॉक्टर्स द्वारा यही कहा जाता है कि हमने तो वही किया जो सही लगा लेकिन आप के साथ कार्य कर रहे सहयोगी अनुभवहीन है जिनकी वजह से मरीज की जान तक जा सकती है।
ऐसा ही एक नंबर का मामला सामने आया है हम आपको मरीज का नाम तो नहीं बताएंगे क्यू की मरीज का एमवाय में ईलाज किया जा रहा।
मरीज द्वारा बताएगा जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तब मरीज के परिजनों द्वारा एम वाय अस्पताल में लाया गया उपचार के लिए, ओपीडी में अनुभवहीन नर्स द्वारा सुई लगाई जा रही थी सुई लगाने का बार-बार आउट हो रही थी और होने का मुख्य कारण अनुभव की कमी नसों की सही जानकारी होना।
आज मरीज के हाथों में काली शाह पड़ चुकी है यह सब कुछ अनुभव की वजह से सुई लगाने का परिणाम हुआ है ।
अगर परिजन कुछ करते हैं तो डॉक्टर हड़ताल पर चले आते हैं जिससे इतने बड़े अस्पताल में इलाज करवा रहे मरीजों के इलाज पर बना आती है, जिसके कारण कोई भी मरीज अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ कुछ नहीं बोलते लेकिन अस्पताल प्रबंधक को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए इस प्रकार अनुभवहीन से इतने बड़े अस्पताल में कार्य में से लेना चाहिए।
इतने बड़े अस्पताल में व्यक्ति उम्मीद के साथ आता है, इसको अस्पताल प्रबंधक को भी ध्यान देना चाहिए और यहां की सिक्योरिटी भी थोड़ी बदतमीज है उन पर भी ध्यान देना चाहिए।