इंदौरप्रत्यंचामध्य प्रदेश

नरेंद्र मोदी ने किया इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल के माध्यम से किया शुभारंभ …

पीएम ने किया 550 टीपीडी क्षमता के गोबर धन प्लांट का शुभारंभ…

बायो सीएनजी प्लांट में रोजाना…
प्लांट में रोजाना 550 टन गीले कचरे की प्रोसेसिंग होगी. ग्रीन हाउस गैसों में कमी आएगी, 400 सिटी बसें चलेंगी. सालाना 16.5 करोड़ की कमाई होगी.
18000 यूनिट बिजली लगेगी, डेढ़ साल में 100% सौर ऊर्जा से चले गा फिलहाल अभी 20% सौर ऊर्जा का उपयोग होगा.
इंदौर सीएनजी प्लांट बन सकता है विश्व का सबसे बड़ा प्लांट क्योंकि ये जर्मनी के प्लांट से भी बहुत अलग बना हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना देश का रोल मॉडल इंदौर वाले हैं.
पीएम किया 550 टीपीडी क्षमता के गोबर धन प्लांट का शुभारंभ.


क्या बोले इंदौर शहर को लेकर प्रधानमंत्री…?
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और शंकर लालवानी की तारीफ की.
इंदौर के लोग सिर्फ “सेव” नहीं, अपने शहर की “सेवा” करना भी जानते हैं..
आने वाले 2-3 वर्षों में शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त किया जाएगा..पीएम

मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
कार्यक्रम में नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) के प्रबंध निदेशक सुजॉय बोस ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए ,इंदौर को स्वच्छ भारत का लीडर बताया. इंदौर के वैल्यू बेस्ड प्रोजेक्ट्स को सराहा और सिस्टम तारीफ की. और कहा कि 2000 कर्मचारी लगातार वेस्ट को कलेक्ट कर उस पर काम किया जा रहा है.

150 करोड़ रुपए की लागत से बने इस प्लांट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर वर्चुअल के द्वारा शुभारंभ किया।
शुभारंभ के बाद प्रधानमंत्री का संबोधन किया.
प्रधानमंत्री ने मौजूद स्वच्छता उद्यमियों से वर्चुअल संवाद भी किया कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, सांसद और 27 राज्यों के स्वच्छता मिशन के निदेशक शामिल हुए….


इंदौर में कितने घरों से होता है कचरा इकट्ठा….
इंदौर नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने जानकारी ने बताया की केंद्र की गाइडलाइन के बाद 6 तरह के कचरे, को रोजाना अलग अलग किया जाता है.
इंदौर एक एहसास है जहां पर प्रतिदिन कचरे को से तरह से अलग किया जाता है. नगर निगम की कचरा गाड़ी इंदौर से 6 लाख से अधिक घरों दुकानों व अन्य स्थानों से, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा एकत्रित किया जाता है. वैज्ञानिक तरीके से पीपीपी मॉडल पर सूखे कचरे को निपटान के लिए तीन सौ टन रोजाना क्षमता का प्लांट नेप्रा कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है. जिससे निगम को डेड सो रुपए हर साल मिलता है. एसटीपी से निकलने वाली गाद के लिए अत्याधुनिक प्लांट कबीट खेड़ी में स्थापित किया जा रहा है. निगम को प्लास्टिक कचरे के निपटान से आठ लाख सालाना हाय प्राप्त हो रही है.

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