विश्वकर्मा जयंती पर जांगिड़ ब्राहमण समाज पंचायत में हुए अनेक आयोजन


इंदौर जांगिड़ ब्राहमण समाज पंचायत इन्दौर की प्रबंध कार्यकारिणी समिति विगत 25 वर्षों से माध सुदी तेरस को भगवान विश्वकर्मा जयंती महोत्सव हर्षो उल्लास के साथ धूमधाम से मनाते चले आ रहें है।
सोमवार को तोपखाना मंदिर परिसर में भगवान विश्वकर्मा की जयंती महोत्सव के अंतर्गत अनेक आयोजन किये गए! सुबह हवन-पूजन से शुरू हुआ महोत्सव में दोपहर में महाआरती के पश्चात भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाने के पश्चात भोजन प्रसादी शुरू की गई। समाजबंधुओं के आगमन तक सतत चलती रही। जिसमें प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए करीबन 3000 से ज्यादा समाज बंधुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।
इस अवसर पर कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए जागिड़ ब्राहमण समाज पंचायत इन्दौर के अध्यक्ष राजेन्द्र मण्डावाले, सचिव अशोक रोडवाल, सह सचिव कैलाश बड़वाल, उपाध्यक्ष गणेश शर्मा, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र रावत एवं समस्त प्रबंध कार्यकारणी समिति ने महोत्सव की व्यवस्था बहुत ही सुचारू रूप सम्हाल रखी थी। जिसकी सभी समाज बंधुओं ने उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
विश्वकर्मा जयंती महोत्सव के अवसर पर कैलाश बड़वाल ने जानकारी देते हुए बताया की तोपखाना मंदिर परिसर में पिछले 25 वर्षो से विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है, जिसमें समाज बंधु, युवा, मातृशक्ति सभी बढ़-चढ़कर तन, मन, धन से सहयोग देकर महोत्सव को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देतें है।
युवतियों की शिक्षा के लिए विशेष कोष
उन्होंने बताया इन्दौर में जांगिड़ समाज की जनगणना का कार्य करीबन-करीबन पुर्ण होने को है। जल्द ही इन्दौर के जांगिड़ समाज की स्मारिका का प्रकाशन किया जाएगा।
शिक्षा के संदर्भ में उन्होंने बताया की समाज की ऐसी लाडली बिटिया जो पढ़ना तो चाहती है लेकिन किसी कारणवश वे अपनी आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाती, समाज की ऐसी लाडली बिटिया की माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा पुर्ण करवाने के लिए जल्द ही एक कोष का गठन किया जाएगा। उस कोष के माध्यम से समाज की लाडली बिटियाओं की माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा पुर्ण करवाई जावेगी।
विषम परिस्थितियों में एकजुटता का परिचय
समाज के नाम संदेश देते हुए उन्होंने कहा की संगठित समाज ही उन्नति के शिखर की ओर पहुँचता है। हमे गर्व है की इन्दौर का जांगिड़ ब्राहमण समाज संगठित होकर किसी भी विषम परिस्थिति में जरूरत मंद समाज बंधुओं की मदद के लिए निस्वार्थ भाव से तन-मन-धन से अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।