

असीम प्रतिभा का धनी मध्य प्रदेश में एक विलक्षण प्रतिभा है तनिष्का सुजीत, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज।
यह कहना बिल्कुल सही है कि भारत असीम प्रतिभावान विद्यार्थियों का धनी देश है। जहां ऐसी होनहार प्रतिभाएं जन्म लेती हैं। ऐसी ही एक प्रतिभा मध्य प्रदेश के इंदौर से है । देश में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य रहा है जहां एक से एक महान और प्रतिभावान हस्तियों ने देश का नाम रोशन किया है । ऐसी ही होनहार प्रतिभा है इंदौर की रहने वाली 13 वर्षीय तनिष्का के पास ऐसी क्षमताएं जिन्हें देखने के बाद लोग हैरान हो जाते हैं। तनिष्का बिना देखे यानी आंखों पर पट्टी बांधकर रूबिक क्यूब जैसी पहली हल कर लेती हैं। यही नहीं उनका दावा है कि वह आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ और लिख सकती हैं। पढ़ाई लिखाई में भी उनकी मेधा का कोई जवाब नहीं है। उनकी क्षमताएं वाकई लोगों को हैरान करती हैं।
मध्यप्रदेश की एक बेटी ने कमाल कर दिया है। इंदौर की तनिष्का ने महज 13 साल की उम्र में ही 12 वीं की परीक्षा पास कर ली। 12 वीं के रिजल्ट में तनिष्का को कॉमर्स संकाय में 62.8 फीसदी अंक मिले है। ऐसा कारनामा करने वाली तनिष्का मध्यप्रदेश की पहली छात्रा बन गई है। तनिष्का ने अपने पिता और शिक्षक सुजीत चंद्रन का सपना पूरा किया। लेकिन सुजीत चंद्रन इस खुशी के लम्हे को जी न सके। 2 जुलाई को कोरोना के चलते सुजीत की मौत हो गई थी।
तनिष्का महज 13 साल की है और इतनी कम उम्र में 10वीं के बाद सीधे 12वीं पास करने वाली वह सूबे की संभवत: पहली छात्रा है। हालांकि, स्वाध्यायी छात्रा के रूप में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति के लिये उसके परिवार को सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटने पड़े। तनिष्का की माता अनुभा के अनुसार,वे भोपाल जाकर सरकारी अफसरों से कई बार मिले और नियम शिथिल करते हुए तनिष्का को 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा में बैठने की विशेष अनुमति देने के लिये बड़ी मुश्किल से राजी किया था।
Tanishka Sujit, who had cleared class 10th at the age of 11 and class 12th at the age of 12, is now pursuing further education at Devi Ahilya Vishwavidyalaya in Indore at the age of 13. #MadhyaPradesh https://t.co/nB2IP9p22U
— ANI (@ANI) February 3, 2021
समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में तनिष्का सुजीत ने कहा, मैं आंखों पर पट्टी बांधकर रूबिक्स क्यूब की पहेली बखूबी हल कर लेती हूं। मैं आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ और लिख भी सकती हूं। मैंने इस प्रतिभा को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है। मैंने कक्षा 10 की परीक्षाएं 11 साल की उम्र में जबकि 12 साल की उम्र में कक्षा 12 की परीक्षा पास की थी। अब मैं 13 साल की उम्र में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आगे की शिक्षा हासिल कर रही हूं।