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जानिए क्या है केंद्रीय बजट 2021

आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया

अनुभव अवस्थी

देश ने कोरोना संक्रमण के दौर से जिस तरह से खुद को उभारा है, वह आज विश्व पटल पर पहचान बना चुका है। सम्पूर्ण विश्व में भारत ने जिस तरह से इस संक्रमण से से सीधा मुकाबला कर उसे पछाड़ने में जो भी प्रयास किया है वह आज हर जगह सराहा जा रहा है। और शायद आगे आने वाले समय में भी भारत को नई पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाने में कारगर साबित होगा। इस खराब दौर से गुजर कर आज हम जिस अच्छी स्थिति में आकर खड़े हुए हैं, उसमें बहुत से वारियर्स का अहम योगदान रहा है, जो कि सराहनीय रहा है । इस दौर ने देश की आर्थिक व्यवस्था पर प्रहार किया।
पर अपनी सूझबूझ से आज फिर भारत अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में सफलता हासिल करने में लगातार प्रयास कर रहा है। और यह प्रयास सफल होगा। इस दौर से हम धीरे धीरे उभर कर बाहर आ रहे हैं । वहीं आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में देश का आम बजट पेश किया। बजट में किए गए प्रस्ताव छह मुख्य केंद्रों पर आधारित हैं। इसमें स्वास्थ्य और सुख-सुविधाएं, भौतिक और वित्तीय पूंजी तथा बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिये समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवप्रवर्तन आर अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम शासन कारगर शासन शामिल हैं। आज के बजट से जुड़ी कुछ खास बातें जो कि हमारे लिए जरूरी है उन पर एक नजर डालते हैं।

स्तंभों पर तैयार बजट

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं। आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में अगले वित्त वर्ष के लिए कोविड-19 के टीकों के लिहाज से 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव भी रखा तथा देशभर में न्यूमोकोकल टीकों को उपलब्ध कराये जाने की घोषणा भी की जिससे हर साल 50,000 से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकेगी।

नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च होगा 64180 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है। सीतारमण ने आम बजट में 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 के दो टीके हैं तथा दो अन्य टीकों की पेशकश जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे गरीब तबके के लाभ के लिए सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाया है।

सरकार के चलाए जा रहे मिशन पर खर्च।
जल जीवन मिशन(शहरी) लॉन्च किया जाएगा, इसका उद्देश्य 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों को सर्वसुलभ जल आपूर्ति व्यवस्था करना है।शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत होगी। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 2021-2026 से 5 वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय आवंटन से कार्यान्वित किया जाएगा। Ujjwala योजना से 8 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए, 1 करोड़ और लाभार्थियों को कवर किया जाएगा।

कृषि क्षेत्र पर ध्यान

बजट में देश के अन्नदाताओं और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी सौगात दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद मिल रही है। सरकार ने यह दावा है कि अगले वर्ष तक देश के किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा देने का प्रयास करने का एलान किया। देश में गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो गई है। गेहूं की एमएसपी डेढ़ गुना कर दी गई है और बीते सात वर्षों में किसानों से दोगुने से ज्यादा धान खरीदा गया है। इस बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को मिलेगा। APMC सशक्त हो सकेंगे, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वहां खड़े हो सकेंगे, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्टर फंड में APMC को शामिल किया गया है। उनसे सरकारी खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं और उनके भुगतान में तेजी आई है। यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है। दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी भी बढ़ाई गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो बढ़कर एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल यह आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

सड़कों की परियोजनाओं का खर्च

3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 13,000 किलोमीटर से अधिक की सड़क पहले ही 5.35 लाख करोड़ रुपये की भारतमाला परियोजना के तहत दी जा चुकी है, जिसमें 3,800 किलोमीटर का निर्माण किया गया है। मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर और नेशनल हाईवे कॉरिडोर का अतिरिक्त 11,000 किलोमीटर को पूरा करेंगे।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ रुपये का आवंटन।1,08,230 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत परिव्यय।मार्च, 2022 तक भारतमाला परियोजना के अंतर्गत 8,500 किलोमीटर लम्बी और सड़के बनाने का लक्ष्य।

रेल बजट पर खर्च होंगे 1.10 लाख करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने रेलवे को बड़ी सौगात देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने साल 2030 तक तैयार होने वाली भारतीय रेल की नई योजनाओं के बारे में बताया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि इस साल रेल बजट पर 1.10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें से पूंजीगत व्यय के लिए 1.07 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि साल 2023 तक देश की 100 फीसदी ट्रेनें बिजली से चलने लगेंगी। शहरों में मेट्रो ट्रेन सर्विस और सिटी बस सर्विस को बढ़ाने के भी प्रवाधान किए जा रहे हैं।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ की योजना

केंद्र सरकार ने देश में डिजिटिल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखा है। देश में पिछले कुछ समय से जिस तरह से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है उस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए मैं 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।’ सीतारमण ने कहा कि 2019 के उनके बजट भाषण में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की घोषणा की गई थी। हमने औपचारिकतायें तय कर ली है और एनआरएफ पर अगले पांच साल में परिव्यय 50000 करोड़ रुपये होगा। आगामी जनगणना भारत के इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना होगी। इसके लिए मैंने 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने तथा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिए बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वााहन कबाड़ नीति की सोमवार को घोषणा की। निजी वाहनों को 20 साल होने पर तथा वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी। यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जायेगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जायेगा। इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

शिक्षा के क्षेत्र में

गैर-सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों और राज्यों की साझेदारी से 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर अगले 5 वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। Budget2021 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 15,000 स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी पहलुओं को शामिल करने का प्रस्ताव । पिछले बजट में हायर एजुकेशन कमिशन का जिक्र किया गया था। जिसका गठन जल्द किया जाएगा,
भारत में निजी क्षेत्र की साझेदारी के साथ सौ नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे, इसके साथ ही लद्दाख में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी।

लघु उद्योग के लिए कहा

इस बजट में MSME, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया है। निवेश हो, उद्योग हो, बुनियादी ढांचा हो, इन क्षेत्रों में यह बजट सकारात्मक बदलाव लाएगा।
सरकार ने सोमवार को कहा कि लघु उद्योगों की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा और इनके मौजूदा 50 लाख रुपये के पूंजी आधार को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि बैंकों की फंसे कर्ज की समस्याओं से निपटने के लिए एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी स्थापित की जाएगी ।

करदाताओं पर ध्यान केंद्रित

छोटे करदाताओं के लिए मैं एक विवाद समाधान समिति गठित करने का प्रस्ताव करती हूं जो पार्दर्शिता सुनिश्चित करेगी। 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले और 10 लाख रुपये तक की विवादित आय वाले लोग समिति के पास जा सकते हैं। Budget2021 से छोटे करदाताओं को मिलेगी बड़ी राहत। इस बजट में कर निर्धारण प्रक्रिया को पुनः खोलने की समय सीमा को मौजूदा 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष करने का प्रस्ताव है। टैक्स अनुपालन को सहज बनाने और कर के बोझ को कम करने के लिए एक फेसलेस विवाद समाधान तंत्र के स्थापना की योजना है । ब्‍याज सहित आय और पेंशन प्राप्‍त करने वाले 75 वर्ष की आयु से ऊपर के वरिष्‍ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से छूट ।सस्‍ते और किराये के घरों पर अतिरिक्‍त राहत पर जोर।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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