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कंगना का जया बच्चन के संसद में कहीं बात पर इमोशनल पटलवार

कंगना रनौत – मणिकर्णिका, पंगा, क्वीन का समावेश है इस अभिनेत्री में

सुशांत सिंह राजपूत के केस को लेकर विवाद में आयी कंगना रनौत का नाम अब देश के हर कोने में फ़ैल गया है । कैसे अकेले ही एक बॉलीवुड अभिनेत्री लगातार लोगों के अनगिनत तीखे सवालों के जवाब दिए जा रही है।
सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स और कंगना रनौत को लेकर सोशल मीडिया से सड़कों तक जारी मंगलवार को संसद पहुंच गई। जया बच्चन ने किसी का नाम लिए बिना कहा, जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया है, वे अब इसे गटर बुला रहे हैं। मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं। दरअसल, कंगना ने अपने बयान में फिल्म इंडस्ट्री को गटर बताया था। अब जया के बयान पर कंगना ने पलटवार किया है।
कंगना ने ट्वीट किया, ”अगर मेरी जगह आपकी बेटी श्वेता को टीनएज में पीटा जाता, ड्रग्स दिया जाता। उसका शोषण किया जाता, तो क्या आप यही कहतीं। क्या आप तब भी यही कहतीं अगर अभिषेक लगातार बुलीइंग और शोषण की बात करते करते एक दिन फांसी से झूलते पाए जाते। थोड़ी हमदर्दी हमसे भी दिखाइए।”

दरअसल सोमवार को लोकसभा में भाजपा सांसद रवि किशन ने बॉलीवुड में ड्रग्स का मुद्दा उठाया था, जिसपर समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री के सहारे ही नाम कमाया वो इसे गटर कह रहे हैं।
सपा सांसद जया बच्चन ने बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगात हुए कहा कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हर रोज 5 लाख लोगों को रोजगार देती है। देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और चीजों से ध्यान हटाने के लिए हमारा इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर हमपर निशाना साधा जा रहा है। जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री के सहारे ही नाम कमाया उन्होंने इस गटर कहा। मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं। मैं इससे पूरी तरह से असहमत हूं। मुझे उम्मीद है कि सरकार ऐसे लोगों को इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं करने के लिए कहेगी। सिर्फ इसलिए कि कुछ लोग खराब हैं आप पूरे उद्योग की छवि को धूमिल नहीं कर सकते। मुझे शर्म आती है कि कल लोकसभा में हमारे एक सदस्य, जो फिल्म उद्योग से हैं उन्होंने इसके खिलाफ बोला। यह शर्मनाक है।’

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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