उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के उत्पीड़न के खिलाफ जतिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के सभी विधायकों को लिखा पत्र

अनुभव अवस्थी प्रत्यंचा

कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जतिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के उत्पीड़न पर सभी विधायकों को लिखा पत्र – विधानसभा सत्र में उठाए मुद्दा
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज पर लगातार हो रहे उत्पीड़न के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद व केन्द्र सरकार में मंत्री रहे शाहजहांपुर के जतिन प्रसाद पिछले कुछ महीनों से आवाज उठा रहे हैं। जतिन प्रसाद के के पिता जितेन्द्र प्रसाद जो कि बाबा साहब के नाम से भी जाने जाते थे, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी , पी.वी.नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार ,उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। हर वर्ग के लोगों की सहायता लिए हमेशा तत्पर रहते थे। समाज के विशेष सम्मानित लोगों में आपकी पहचान है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं हो रही है, उसको लेकर कांग्रेस पार्टी के जतिन प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना परिषद के माध्यम से इस प्रकार की होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए आवाज उठाई है। वह लगातार उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों के ब्राह्मण समाज के लोगों के साथ विडियो सभा के माध्यम से जुड़ रहे हैं और वहां की स्थति के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी चर्चा कर लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रदेश में जिस प्रकार से उत्पीड़न की घटनाएं हो रही है उसको समाप्त किया जा सके ।
अभी हाल ही में जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के सभी विधायकों को एक पत्र के माध्यम से आपने कहा आप सभी दलगत भावना से ऊपर उठकर आगामी 20 अगस्त से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में अपने अपने जनपदों, विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मण उत्पीड़न के प्रकरणों को सरकार के सम्मुख प्रभावी ढंग से उठाकर इस अन्याय, अत्याचार एवं उपेक्षा पर अविलंब अंकुश लगाने की सरकार से मांग करें। प्रसाद ने कहा, ‘आपके इस कदम के लिए संपूर्ण प्रदेश का ब्राह्मण समाज आप सभी का आभारी रहेगा।’ प्रतिदिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के लोगों के साथ चर्चा करते हैं । उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा था कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार हैं, जिस कारण वह ब्राह्मण समाज की आस्था का प्रतीक हैं। परशुराम जी जन्म बैसाख माह की तृतीया तिथि के दिन हुआ था। अब तक भगवान परशुराम की जयंती पर प्रति वर्ष राजकीय अवकाश होता रहा है परन्तु वर्तमान में आपकी सरकार ने इसे निरस्त कर दिया है, जिससे ब्राह्मण समाज में रोष है। उनके इस कदम के बाद से ही प्रदेश की अन्य राजनैतिक पार्टी भी ब्राह्मण समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रयास करने लगी । परंतु जतिन प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना परिषद के माध्यम और भी प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं ।