विदेशी सहारा पाने पर केंद्र सरकार का बार-बार छाती ठोकना निराशाजनक है – राहुल गांधी

अनुभव अवस्थी
विदेशी सहारा पाने पर केंद्र सरकार का बार-बार छाती ठोकना निराशाजनक है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 10, 2021
अगर मोदी सरकार ने अपना काम किया होता, तो ये नौबत ना आती।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना संकट के बीच विदेशों से मिल रही मेडिकल सहायता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विदेशों से मिल रही सहायता पर भारत सरकार का बार-बार खुद को शाबाशी देना दयनीय है. अगर सरकार ने अपना काम किया होता तो ये स्थिति नहीं होती। भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच दुनिया के कई देश ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर्स, रेमडेसिविर, फेस मास्क, टेस्ट किट और अन्य जरूरी मेडिकल सामानों के जरिए मदद कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने आज ट्विटर पर लिखा, “विदेशी सहायता पाने पर केंद्र सरकार का बार-बार छाती ठोकना निराशाजनक है. अगर मोदी सरकार ने अपना काम किया होता है तो ऐसी नौबत नहीं आती.” देश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को लेकर राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. इससे पहले रविवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य जारी रखने को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “देश को प्रधानमंत्री आवास नहीं, सांस चाहिए”।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में बताया, ‘‘राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तुरंत मेडिकल सामानों का आवंटन कर खेप भेजी जा रही है। यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।’’ सरकार ने कहा कि ये सुविधा तृतीय श्रेणी के कोविड देखभाल संस्थानों और सहायता प्राप्त करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की स्वास्थ्य व्यवस्था के बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी करेगा।
इससे पहले सात मई को कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र कहा कि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि सरकार की ‘विफलता’ के कारण देश एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के मुहाने पर खड़ा है। ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए, जिससे उन्हें पिछले साल की तरह परेशान न होना पड़े।
पत्र में राहुल गांधी ने लिखा, ‘मैं आपको एक बार फिर पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूं क्योंकि हमारा देश कोविड सुनामी की गिरफ्त में बना हुआ है। इस तरह के अप्रत्याशित संकट में भारत के लोग आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होने चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप देश के लोगों को इस पीड़ा से बचाने के लिए जो भी संभव हो, वह करिए।’
‘…यह तो बस शुरुआत है’
राहुल गांधी ने कहा, ‘दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है। इस महामारी से यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिलता है, जिससे वह अपना स्वरूप बदल पा रहा है। साथ ही, और ज्यादा खतरनाक रूप में सामने आ गया है। मुझे डर इस बात का है कि जिस ‘डबल म्यूटेंट’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है।’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुझाव देते हुए लिखा, इस वायरस का अनियंत्रित ढंग से प्रसारित होना सिर्फ भारत के लिए ही घातक नहीं होगा, बल्कि दुनिया के बाकी देश भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के बारे में वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए। सभी नए म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर का आकलन किया जाए। सभी लोगों को तेजी से टीका लगाए जाएं।