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क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है? – पं बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़

अनुभव अवस्थी

ममता बनर्जी सरकार के 43 मंत्रियों को सोमवार को शपथ दिलाने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने स्थिति पर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि वह प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ‘अगर आपका वोट आपकी जान जाने या संपत्ति के नष्ट होने का कारण बनता है, अगर यह आगजनी का कारण बनता है तो फिर लोकतंत्र के खत्म होने का संकेत मिलता है।’ पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोगों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की कीमत अपनी जान से चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद हिंसा से उपजी स्थिति चिंताजनक है। मैं राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगा।

कहते हैं बिना आग के धुंआ नहीं उठता। पश्चिम बंगाल में आज जो कुछ हो रहा है, वह अकारण नहीं है। क्या सियासत की चक्की में आम जनता पिस रही है? पश्चिम बंगाल सरकार के संरक्षण में हिंदूओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके घरों और दुकानों को लूटा जा रहा है, लेकिन सरकार सख्त कदम उठाने की जगह पूरे मामले को रानीतिक रंग देने में लगी हुई है। आलम यह है कि लोग हिंसा के डर से अब असम की तरफ भाग रहे हैं। खबरों की मानें तो यहां कई परिवार शरणार्थी बन गए हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव नतीजे आने के बाद यहां राजनीतिक हिंसा काफी बढ़ गई हैं।

उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की। महिलाएं एवं बच्चों ने यहां शरण ली हुई है। शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव परिणाम आने के बाद से उनके घरों में तोड़-फोड़ की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राज्यपाल जगदीप धनखड़ हिंसा से प्रभावित लोगों से लगातार मिल रहे हैं और उनका दुख दर्द बांट रहे हैं। जगदीप धनखड़ लगातार ममता बनर्जी और उनकी सरकार द्वारा स्थापित कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोगों के घर किस तरह से बर्बाद हुए, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है। ये सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो। क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है?

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रजातांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है, हम कानून-व्यवस्था से दूर जा रहे हैं। इसकी शुरुआत चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने की, जब उन्होंने पहली बार जनता को चेतावनी दी कि केंद्रीय बल कब तक रहेंगे, उनके जाने के बाद कौन बचाएगा। मुझे उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी। इससे पहले जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली में एक शिविर का शुक्रवार को दौरा किया जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने शरण ली हुई है। इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद उनपर अत्याचार हो रहे थे।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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