भारतीय क्रिकेट टीम के सुपरस्टार ‘कैप्टन कूल’ धोनी का आज जन्मदिवस

अनुभव अवस्थी सब एडिटर

टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान के रूप में जाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, बुधवार को अपना 40वां जन्मदिन मनाएंगे। सात जुलाई 1981 को जन्मे महेंद्र सिंह धोनी ने अपने 15 साल के क्रिकेट करियर में अनेक रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किए। उन्होंने वह सब उपलब्धि हासिल कि, जिसके वो हकदार थे। आज देश में यूं ही नहीं ‘माही’ की गिनती दुनिया के सबसे उम्दा कप्तानों और मैच फिनिशरों में होती है। विपक्षी टीम को कैसे शिकस्त देना है यह शायद ही ‘माही’ से बेहतर कोई समझता हो। ‘कैप्टन कूल’ के नाम से मशहूर धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को कई खुशनुमा यादगार क्षण दिए हैं। भारतीय क्रिकेट और अन्य सभी टीमों में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और भारतीय टीम को एक ऊंचे आयाम तक पहुंचाया।

खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की टिकट चेक करने वाला नौजवान महेंद्र सिंह धोनी एक दिन भारतीय क्रिकेट में कामयाबी की नई इबारत लिखेगा, इसका अंदाजा शायद तब किसी को नहीं था। मगर बचपन से कुछ कर गुजरने की हसरत ने माही को कभी कंफर्ट जोन में डाला ही नहीं। शायद यही वजह है कि तमाम मुश्किलों और चुनौतियों पर पार पाते हुए उन्होंने टीम इंडिया के महान कप्तान बनने तक का लंबा सफर तय किया।
ऐसा कारनामा वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं महेंद्र सिंह धोनी

धोनी की उपलब्धियों की बात करें तो वे दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिनकी कप्तानी में टीम ने तीनों आईसीसी ट्रॉफियां जीती हैं। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब भारत ने धोनी की ही कप्तानी में जीते हैं। हालांकि अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के रूप में एक और आईसीसी खिताब फैन्स के सामने लाई है। पहली बार आयोजित की गई इस चैम्पियनशिप के फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड ने जगह बनाई, जहां कीवी टीम ने विराट कोहली का सपना तोड़ते हुए खिताब पर कब्जा जमाया।
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में आखिर ओवर

जब 2007 में पहली बार हुए आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का एक ओवर बचा हुआ था, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने जोगिंदर शर्मा पर भरोसा दिखाया और उनको आखिरी ओवर सौंप दिया। उस समय पाकिस्तान टीम के कप्तान मिसबाह उल हक 35 गेंदों पर 37 रन बनाकर खेल रहे थे। धोनी ने यहां चांस लिया, क्योंकि हरभजन के 17वें ओवर में मिसबाह तीन छक्के लगा चुके थे। जोगिंदर ने ओवर की शुरुआत वाइड से शुरुआत की। बाद में मिसबाह ने एक पैडल शॉट लगाया और श्रीसंत के हाथों कैच हो गए। भारत ने जोहानिसबर्ग में पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच डाला।
श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन

साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ जयपुर में खेले एक मैच में भारत 299 रन के टारगेट का पीछा कर रहा था। एक बार फिर धोनी को नंबर 3 पर मौका मिला और उन्होंने यहां 50 ओवर विकेटकीपिंग करने के बाद मैच के अंत तक बैटिंग की और 183 रन ठोक डाले। धोनी का यह स्कोर आज भी उनका वनडे क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर है।
2011 खिताबी मुकाबले में नाबाद 91 रन विजयी हैलीकॉप्टर सिक्स के साथ

2011 विश्व कप में धोनी का लगाया विजयी छक्का
इस खिताबी मुकाबले में भारत 275 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। सचिन और सहवाग (31 रन पर) जल्दी पविलियन लौट गए। इसके बाद विराट आउट हुए तो धोनी यहां 5वें नंबर पर बैटिंग पर उतरे। धोनी ने इस मैच में गंभीर के साथ मैच विनिंग साझेदारी निभाई और टीम इंडिया को विनिंग सिक्स जड़कर खिताब दिलाया।