हाथ पैर गवाने के बाद अपने हौसलों की उड़ान INDIA GOT TALENT:Madhu Kumar


उड़ान मंजिलों की
छोटी उड़ान पर बड़ी पहचान
अनुभव अवस्थी
जैसा कि हम और आप पढ़ते आए हैं और बहुत बार हमें समझाया भी गया है कि प्रतिभा किसी कि मोहताज नहीं होती है।
बस जरूरत है तो उसे पहचानने की, जो हमारे आपके और प्रत्येक के जीवन में ईश्वरीय वरदान है।
दुनिया भर के कई देशों ने भी ये माना है कि भारत में प्रतिभाओं का धनी देश है जहां पर इन प्रतिभाओं का सम्मान किया जाता है ।
प्रत्येक प्राणी के के अंदर कोई-न-कोई हुनर होता है, पर उस हुनर का पता उसे स्वयं नहीं चलता है, हमारे आस-पास भी ऐसे कई लोग रहते हैं जिनके अंदर कोई न कोई हुनर होता है। बस जरूरत है उनके इस अंदर छिपे हुए इस हुनर को बाहर निकालने की और उसमें एक नई दिशा व उड़ान की ।
INDIA GOT TALENT
मधु कुमार – 9 वर्षीय छात्र
आज हम ऐसे ही एक प्रतिभावान का परिचय करा हैं जो हम सब भारतीयों के लिए एक मिशाल बनकर सामने आया है, और अपने जैसे लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण ।
हैदराबाद के मेंढक जिला में रहने वाले महज नौ साल के मधु कुमार, एक दुखद दुर्घटना में अपने दोनों हाथ और पैर खो दिए जाने के बाद, यह नौ साल का बेटा मधु कुमार अब अपने मुँह की मदद से ब्रुश को पकड़ कर सुंदर व मनमोहक कलाकृतियाँ बनाकर आज पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बन गया है । इस छोटे बच्चे के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उसे सबसे कठिन समय का सामना करने में मदद की है और अपने जीवन दुर्घटना के छह महीने के अंदर, उसने स्वयं को संभालते हुए सुंदर कलाकृतियों को मथना करना शुरू कर दिया है और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया हैं।
प्रतिभावान मधु कुमार का परिचय
मधु कुमार ने बताया – मै कक्षा 6 में हूं और बहुत खुश हूं कि मैंने पिछले साल दुर्घटना के बाद से स्केच बनाना सीखा है। उसने मैंने उम्मीद खो दी थी और कई लोगों ने मेरी मदद की। अब, बदले में मैं प्रेरणा का स्रोत बन गया हूं। कई लोगों के लिए।” साल 2019, 15 सितंबर को एक दुर्घटना में,जब वह अपने घर की छत पर खेल रहा था जो मुनपल्ले मंडल के कामकोले गांव में स्थित है। एक लोहे की छड़ बिजली लाइन के संपर्क में आई और उसे टक्कर मार दी जिसके कारण वह अपने अंगों को खो दिया।
मधु के पिता तुलजाराम ने कहा, “मैं एक पंचर की दुकान चलाता हूं। मेरी पत्नी प्रमिला और मैं सदमे में आ गए, जब गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के लिए सभी चार अंगों को उसके शरीर से विच्छेदन कर दिया। भविष्य के बारे में संघर्ष के रूप में जीवन ने हमारे लिए एक बहुत बड़ा मोड़ लिया। हमारे पास तीन अन्य बच्चों की भी देखभाल करने के लिए है। ”
नया सवेरा नई पहचान जब हर्ष ने दी हौसले की उडान
छात्र मधु कुमार के जीने की राह कठिन जरूर थी पर परिवार का साथ उसकी हर मुश्किल को आसान बना रहा था। मधु के जीवन में एक नया सवेरा बनकर आए समुद्राला हर्ष ने उसकी प्रतिभा को निखारने में बखूबी से उसका साथ दिया । और उस बच्चे को अपने मुंह से स्केच बनाने की ट्रेनिंग देकर एक नई कला से जीवन में रंगों को भर दिया तथा उसके अंदर एक नई उम्मीद जगाई और उसके हौसले को उड़ान भरने की सफलता दी।

हर्षा के अनुसार, “मैंने मधु को अपने मुंह को रंगने के लिए इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया। मेरा मानना है कि उन्होंने अपने अंगों को खो दिया, लेकिन कला के लिए उनका जुनून कम नहीं था। आज, मधु कुमार इस पीढ़ी के अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।”मधु ने केवल छह महीने में कला बनाने का यह तरीका सीखा है ।

उन्होंने हर्ष के साथ एक लाइव इवेंट में परफॉर्म भी किया है। उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उन्हें सबसे कठिन समय का सामना करने में मदद की है । इस कोरोना काल में इस बच्चे ने अभिनेता सोनू सूद की पेंटिंग बनाई थी जो खूब वायरल हुई थी। यह वास्तव में एक शिक्षक की प्रेरणादायक कहानी है, जिसने एक प्रतिभाशाली बच्चे को सही रास्ता दिखाया, जिसने अपने समर्पण के माध्यम से अपनी समस्याओं को दूर किया। उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उन्हें सबसे कठिन समय का सामना करने में मदद की है ।
हमें गर्व है कि हमारे देश में ऐसी होनहार प्रतिभाएं हैं, जरूरत है बस उन्हें उड़ान देने की।
