प्रत्यंचाभोपालमध्य प्रदेश

राजधानी में धूमधाम से मनाया जाएगा भगवान विश्वकर्मा का अवतरण दिवस

कई जगह होंगे धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ

भारत भूषण विश्वकर्मा
भोपाल।

देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा का अवतरण दिवस राजधानी समेत ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया जाएगा, विभिन्न आयोजनों सहित धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर समाज के युवा वर्ग में खासा उत्साह देखने को मिला रहा है। रायसेन जिले के सुप्रसिद्ध माँ कंकाली मंदिर के समीप स्थित विश्वकर्मा मंदिर में सोमवार सुबह 10 बजे से भगवान विश्वकर्मा का अभिषेक प्रारम्भ होगा, इसके बाद पूजन, हवन एवं पूर्णाहुति कर लगभग 12 बजे प्रसाद वितरण किया जायेगा। आयोजक विष्णु विश्वकर्मा ने बताया कि समस्त धार्मिक कार्यक्रमों में कोविड-19 से बचाव हेतु जारी सभी नियमों का पालन किया जाएगा, इसके साथ ही सामूहिक रूप से भारतवर्ष के मंगल की कामना भी पूर्णाहुति के समय की जाएगी। वहीं पुराने शहर के खेड़ापति हनुमान मंदिर छोला परिसर स्थित विश्वकर्मा मंदिर में भी आयोजन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकीं हैं, आयोजन समिति के शिवचरण झा, वीरेन्द्र विश्वकर्मा और महेश विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार को प्रातः 9 बजे से सुंदरकांड का पाठ आरम्भ किया जाएगा, तत्पश्चात लगभग 10 बजे छोला नाका के गणेश मंदिर से भव्य ध्वज यात्रा प्रारंभ होगी जो छोला मंदिर पर सम्पन्न होगी। दोपहर में विश्वकर्मा कथा, अभिषेक के उपरांत प्रसाद वितरण किया जाएगा। आयोजक समिति के पदाधिकारियों ने सभी सामाजिक बंधुओं से आयोजन में सम्मिलित होने की अपील की है।

क्यों कहा जाता है विश्वकर्मा को देवशिल्पी
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की त्रयोदशी तिथि को अवतरित होने वाले भगवान विश्वकर्मा को देव शिल्पी की संज्ञा दी गई है, भगवान विश्वकर्मा द्वारा निर्मित कई अस्त्र-शस्त्रों तथा सप्तपुरीयों का वर्णन कई प्रमुख धर्म ग्रंथों में भी पढ़ने को मिलता है। देवताओं के लिए सभी प्रकार के अस्त्र शस्त्रों के निर्माता विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के प्रथम अभियंता भी माना जाता है, रावण की लंकापुरी हो या श्री कृष्ण की द्वारिकापुरी, विश्वकर्मा द्वारा ही बनाई गई थी। पुरुषार्थ और निर्माण के देव भगवान विश्वकर्मा का पूजन लगभग हर कारखाने या फैक्ट्री में किया जाता है।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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