दिल्ली

प्रधानमंत्री महत्त्वाकांक्षी योजना आवास योजना में कहीं दीवार खड़ी , तो कहीं छत नहीं पड़ी

अनुभव अवस्थी सब एडीटर प्रत्यंचा। समय से जरुरतमंदों तक नहीं पहुंच पाई है आवास की किस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी कोरोना वायरस संक्रमण का असर देखने को मिल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जरूरत मंद लोगो को आवास उपलब्ध कराने की योजना की गति को भी कोरोना काल ने अपनी चादर से ढक दिया है। जिसको लेकर केंद्र सरकार लगातार चिंता जता रही है। भाजपा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से सहायता राशि को कई राज्य सरकारों ने संबंधित विभाग को नहीं दे रही है । साथ ही राज्य सरकारें इसमें राज्य द्वारा दिये जाने वाले अपने अंंशदान को भी देने में भी लेटलतीफी करती रही है। जिससे पात्र लाभार्थियों को आवास तैयार करने में आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है । बहुत से ऐसे अभी ऐसे लाभार्थी है जिनके खाते में सरकार द्वारा किए गए अंशदान की राशि समय से नहीं पहुंच पाई है । जिसके कारण उन्हें बरसात के इस मौसम में होने वाली दिक्कतों को मजबूरन उठाना पड़ रहा है। अब कोरोना संकट को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि 2022 तक सबको आवास देने के सरकार के इस संकल्प को थोड़ा और समय लग सकता है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाली केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि किसी भी हाल में इस योजना को अपने निर्धारित समय पर पूरा करने पर लक्ष्य निर्धारित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाली केंद्र सरकार इस महत्त्वपूर्ण योजना के समीक्षा में लगातार जुटी हुई है।
ताकि इस योजना के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जा सकें। केंद्र सरकार जरूरतमंद लाभार्थियों के योजना को आने वाले दिनों में फिर से गति देने के लिये वचनबद्धता जताई है। केंद्र सरकार ने संकेत किया किया है कि कई राज्यों ने राज्य के हिस्से का अंशदान योजना को राजनीति से प्रेरित होकर टालती रही है, जो सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने सख्त रुख दिखाते हुए सभी राज्य सरकारों से अपने हिस्सों का अंशदान संबंधित विभाग में देने को कहा है। जिससे पात्र लाभार्थियों को समय से इस योजना की राशि स्वीकृत हो सके । केंद्र सरकार ने 2022 तक 2 करोड़ 95 लाख आवास बनाने का लक्ष्य पहले से ही तय किया हुआ रखा है। जिसमें करीब दो करोड़ 21 लाख आवास स्वीकृत भी हो चुके है। जबकि एक करोड़ चार लाख के आसपास आवास बन चुके है। केंद्र सरकार के मुताबिक इस साल ही 79 लाख आवास स्वीकृति का लक्ष्य है। जिसे प्राप्त करने के लिये केंद्र सरकार ने प्रयास भी शुरु कर दिये है। हालांकि यहसच है कि कोरोना वायरस के कारण आवास योजना के कार्य में निरंतरता कमी आती है । जिस कारण लोगों को समय पर अंशदान की राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है ।

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