कृषि उपज मण्डी गरोठ पर संतरे व्यापारी व मण्डी कर्मचारीयो द्वारा कि जा रही स्थानिय हम्मालो कि उपेक्षा

चंदन गौड़
गरोठ। खड़ावदा पर रोड स्थित कृषि उपज मंडी वैसे तो आए दिन खाली ही पड़ी रहती है केवल सीजन में ही व्यापारी नजर आते हैं खरीदी बिक्री का सिलसिला चलता है पर कई बार यहां अन्य प्रकार के व्यापारियों का कब्जा भी देखा जा रहा है जिसमें वर्तमान में भी संतरे व्यापारी कृषि उपज मंडी पर संतरे की खरीदी बिक्री को लेकर व्यापक रूप व्यापार से किया जा रहा है। पर व्यापारी द्वारा खरीदी बिक्री पर हमेशा स्थानीय लाइसेंस धारी हम्मालो को ही महत्व दिया जाता है ।पर आजकल मण्डी मे सबकुछ इसके विपरीत ही चल रहा है।जहा मण्डी पर स्थानिय हम्मालो को कार्य दिया जाना चाहिए वही मण्डी कर्मचारीयो व व्यापारी द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। जिससे हम्मालो को क्षेत्र मे कार्य होने के बाद बाहर का रास्ता तलाशना पड़ रहा है। जब हमने मण्डी परिसर का जायजा लिया तो देखा की वास्तव मे हमे जेसी सुचना मिली गरोठ कि मण्डी पर बिल्कुल वैसा चल रहा है।
गरोठ की कृषि उपज मंडी पर यहां पर आजकल स्थानीय हेम्मालो को दरकिनार कर व्यापारी द्वारा अन्य बाहर के मजदूरों से कार्य करवाया जा रहा है जिसके कारण नगर के लाइसेंस धारी को मजदूरी के लिए अपने क्षेत्र से दूर जाना पड़ रहा है अधिक जानकारी में पता चला कि कृषि उपज मंडी पर जो बाहर के मजदूर कार्य कर रहे हैं कृषि मंडी कर्मचारियों के पास इनकी कोई जानकारी भी नहीं है।
स्थानिय हम्मालो से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि मण्डी कर्मचारीयो द्वारा हमेशा ही स्थानिय हम्मालो कि हमेशा ही उपेक्षा कि जाती रही है। दो वर्ष से कोरोना के कारण वेसे भी मजदूर कि स्थिति काफी खराब है।मण्डी मे काम नही मिलने के कारण हमे बाहर गांवो मे मजदूरी करने जाना पड़ रहा है।
इनका कहना है
मंडी पर संतरे व्यापारियों द्वारा अपने ही मजदूरों से कार्य करवाया जा रहा है जिसकी जानकारी कृषि मंडी के पास नहीं है।
अशोक जेन
सचिव कृषि उपज मंडी समिति गरोठ