
अनुभव अवस्थी
प्रधानमंत्री ने असम के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, वो भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं।
जिन लोगों ने दशकों तक देश में राज किया उन्होंने दिसपुर को दिल्ली से दूर मान लिया, लेकिन अब दिल्ली दूर नहीं – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी असम में सभा को संबोधित करते हुए।
असम और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आज दोनों राज्यों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम-बंगाल के दौरे पर हैं, जहां वो कई अहम परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का ये दौरा खास है, दोनों ही जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। वहीं आज पहले असम मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने धेमाजी के सिलापाथर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा दिल्ली में अनेक प्रधानमंत्री हुए, आपके राज्य के प्रतिनिधि ने तो देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन किसी ने असम के तेल और गैस की इतनी चिंता नहीं की। प्रधानमंत्री के आदेश पर आज असम में 95,000 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है।
सबका साथ सबका विकास वाली सरकार
सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है।ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से, आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी। इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं।
असम में नई परियोजनाओं का शिलान्यास
आज असम को 3,000 करोड़ से ज़्यादा के ऊर्जा और शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का एक नया उपहार मिल रहा है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया और सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई, डिब्रूगढ़ के मधुबन में ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म औरतिनसुकिया के मकुम के हेबड़ा गांव में एक गैस कंप्रेशर स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया।
अर्थव्यवस्था में नॉर्थ बैंक के टी-गार्डन्स की भी बहुत बड़ी भूमिका
नॉर्थ बैंक में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां कनेक्टिविटी, अस्पताल, शिक्षा के संस्थान, उद्योग पहले की सरकारों की प्राथमिकता में नज़र ही नहीं आ रहे थे।असम की अर्थव्यवस्था में नॉर्थ बैंक के टी-गार्डन्स की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इन टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहनों का जीवन आसान बने, ये भी हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
जितना आजादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है
मछली पालन पर विशेष जोर देते हुए हमारी सरकार मछली पालन से जुड़ा एक अलग मंत्रालय काफी पहले बना चुकी है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जितना आज़ादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज़्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है।
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जितना आजादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है।
मछली व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, इसका लाभ असम के लोगों को भी मिलेगा।
असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का लोहा मान रही है।
असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है।इस क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी जान से जुटी है।असम सरकार के प्रयासों के कारण ही आज यहां 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं।बेटियों के लिए विशेष कॉलेज हों, पॉलिटेक्निक हो या दूसरे संस्थान, असम की सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है।असम सरकार यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है।इस नई शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को सबसे ज्यादा होने वाला है।
अब दिल्ली दूर नहीं
ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से, इस क्षेत्र की जमीन बहुत ही उपजाऊ रही है।यहां के किसान अपने सामर्थ्य को बढ़ा सकें, उन्हें खेती की आधुनिक सुविधाएं मिल सकें, उनकी आय बढ़े, इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं। जिन लोगों ने दशकों तक देश में राज किया उन्होंने दिसपुर को दिल्ली से दूर मान लिया। इस सोच की वजह से असम का बहुत नुकसान हुआ।
लेकिन अब दिल्ली दूर नहीं है, दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ा है।
आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है।
गरीब बहनों-बेटियों का रसोई के धुएं और बीमारियों के जाल में रहना, उनके जीवन की बहुत बड़ी मजबूरी थी। हमने उज्जवला योजना के माध्यम से इस स्थिति को बदल दिया है।असम में आज गैस कनेक्शन का दायरा तकरीबन शत-प्रतिशत हो रहा है। आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है।बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है।बोंगइगांव रिफाइनरी में भी रिफाइनिंग कैपेसिटी बढ़ाई गई है।
मैं फिर एक बार इतनी सारी विकास योजनाओं के लिए, आत्मनिर्भर असम बनाने के लिए, भारत के निर्माण में असम के योगदान के लिए, हरेक असमवासी के कल्याण के लिए आज जो अनेक योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उसके लिए मैं एक बार फिर आप सबको बधाई देता हूं।