मध्य प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ एक्शन में सरकार

मानवता के इन दुश्मनों को उखाड़ फेंकने के लिए एक समन्वित और विशेष अभियान की आवश्यकता है:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ड्रग माफियाओं के खिलाफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्ती के साथ धर पकड़ करने का आदेश अपने प्रदेश के अधिकारियों को दे दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेपप्पल में ड्रग माफियाओं के खिलाफ अब शिवराज सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। इंदौर में हाई प्रोफाइल ड्रग रैकेट का खुलासा होने के बाद अब खुद इसकी कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने हाथों में संभाल ली है। आज मुख्यमंत्री निवास पर एक आपात बैठक में सीएम शिवराज ने जिलों के कलेक्टर और एसपी को ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए।
इंदौर में एक महिला द्वारा युवतियों को नशे की लत डालने के मामले को लेकर उन्होंने पुलिस महानिदेशक को अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। नशे के खिलाफ मुहिम के लिए बुलाई गई बैठक में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, नीमच, दतिया, मंदसौर, नरसिंहपुर, रतलाम और सतना जिलों के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि ड्रग माफियाओं को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाकर इनकी जड़ों पर प्रहार करें और ड्रग हैंडलर पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें। बैठक में इंदौर की घटना पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ड्रग माफिया केवल इंदौर तक ही नहीं कई जिलों में सक्रिय है।
इंदौर में सामने आए ड्रग्स कनेक्शन में हाई प्रोफाइल महिला पुलिस की गिरफ्त में आई है। वह अलग-अलग नामों से जिम, पब और गर्ल्स होस्टलों तक एमडी ड्रग्स और कोकीन पहुंचा रही थी। पुलिस को पता चला है कि जिम जाने वाली, होस्टल में रहने वाली कई लड़कियां ड्रग्स लेने की आदी हो गईं। इसके तार मुंबई के बड़े तस्करों से जुड़े हैं। महिला स्कीम-78 में खुद का बंगला लेकर रह रही थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रग माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए आदेश देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में ड्रग माफिया किशोर बच्चों में इसकी आदत डालने का प्रयास कर रहे हैं। मानवता के इन दुश्मनों को उखाड़ फेंकने के लिए एक समन्वित और विशेष अभियान की आवश्यकता है।
इनके विरुद्ध ऐसी कार्रवाई हो कि प्रदेश में ये पूरी तरह से समाप्त हो जायें, लेकिन बाद में भी कोई हिम्मत न करे।
