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Digital Village Scheme के जरिए रोजगार की संभावनाएं तलाशने में जुटी सरकार।

Digital India स्कीम का एक हिस्सा Digital Village है | अगले आने वाले समय में देश के लगभग 4 लाख से ज्यादा गांवों की सूरत बदलने जा रही है। अगले 1000 दिन के बाद इन गांवों में युवा से लेकर महिलाओं तक के लिए नए अवसर निकलेंगे। Digital Village Scheme की घोषणा ICICI बैंक के मुंबई स्थित मुख्यालय में आयोजित एक समारोह के दरमियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में ICICI प्रबंध निर्देशक और CEO चंदा कोचर ने की थी | इस योजना के तहत 20 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। विशेष बात ये है कि ये नौकरियां गांवों में होंगी। युवाओं को इसके लिए अपना गांव छोड़कर शहर नहीं जाना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना संक्रमण के कारण बेरोजगार युवाओं व मजदूरों के लिए रोजगार की संभावनाएं तलाशने के लिए प्रयास करने पर जोर दे रहे हैं, जिससे उन लोगों को रोजगार आसानी से मिल जाए, जिनका कोरोना संकट काल में रोजगार छिन गया है।

इतना ही नहीं इस योजना के बाद गांव के लोगों को हर काम के लिए शहर जाकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इन गांवों के डिजिटल बनने से यह संभव होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 15 अगस्त को यह घोषणा की थी कि अगले 1000 दिनों में बचे हुए सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम पूरा हो जाएगा।

अभी देश में लगभग 1.5 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया गया है। अब बाकी बचे 4.5 लाख गांवों को ऑप्टीकल फाइबर केबल से जोड़ने का काम चल रहा है।
आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अधीनस्थ काम करने वाली जन सेवा केन्द्र (सीएससी) के सीईओ दिनेश त्यागी ने बताया कि इन गांवों में ऑप्टिकल फाइबर के आते ही सभी गांवों में एक-एक कॉमन सर्विस सेंटर खुल जाएगा। एक सेंटर के खुलने से कम से कम पांच लोगों को नौकरी मिलेगी। इस हिसाब से सीधे तौर पर कम से कम 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
जन सेवा केन्द्र के खुलने से शिक्षा से लेकर इलाज जैसी कई सुविधाएं ग्रामीणों को मिलेंगी और उन्हें हर काम के लिए शहर नहीं जाना होगा। हर गांव में एक-एक विलेज लेवल इंट्रेप्रेन्योर की नियुक्ति की जाएगी

बैंकिंग की सुविधा भी गांवों में ही उपलब्ध हो जाएगी। ग्रामीण अपने उत्पाद को ई-कॉमर्स के जरिए बेच सकेंगे। सरकार भी गांवों में बनने वाले उत्पादों की बिक्री के लिए उन्हें सरकारी ई-मार्केट से जुड़ने की सुविधा दे सकती है। लेकिन यह सब तभी संभव है जब इंटरनेट की स्पीड तेज हो, जो ऑप्टिकल फाइबर से ही संभव है।

pratyancha web desk

प्रत्यंचा दैनिक सांध्यकालीन समाचार पत्र हैं इसका प्रकाशन जबलपुर मध्य प्रदेश से होता हैं. समाचार पत्र 6 वर्षो से प्रकाशित हो रहा हैं , इसके कार्यकारी संपादक अमित द्विवेदी हैं .

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