
अनुभव अवस्थी
देश में पहली बार ग्रामीण विकास के लिए इस तरह की कोई आधुनिक योजना को लागू किया गया है । इससे ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने की कोशिश की है।
ग्रामीण अब भू-संपत्ति का वित्तीय संपत्ति के तौर पर उपयोग कर सकेंगे। इस दौरान लगभग एक लाख संपत्ति धारक अपने मोबाइल फोन पर आए एसएमएस लिंक के जरिए अपना संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने में सक्षम होंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति कार्ड का भौतिक वितरण किया जाएगा ।
पंचायतीराज मंत्रालय के तहत स्वामित्व योजना इसी साल 24 अप्रैल को लॉन्च की गई थी। इस योजना के दायरे में आने वाले लोग ऋण आदि लेने के लिए संपत्ति कार्ड का उपयोग कर सकेंगे। पहली बार है कि लाखों ग्रामीण संपत्ति मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग कर इस तरह के बड़े पैमाने पर अभियान की शुरुआत की जा रही है।
इसके अंतर्गत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल होंगे । महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थी 1 दिन के अंदर फिजिकल कार्ड प्राप्त करेंगे जबकि महाराष्ट्र के भू-स्वामियों को संपत्ति कार्ड मिलने में 1 महीने का समय लग सकता है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार संपत्ति कार्ड के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का प्रबंध कर रही है ।

इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपने संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल लोन आदि के आवेदन समेत अन्य आर्थिक लाभ के लिए किया जा सकेगा।
इस योजना को 4 चार सालों में चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा । इस योजना का काम 2020 से 2024 के बीच पूरा किया जाना है और देश के 6.62 लाख गांवों को कवर किया जाना है । इसमें से एक लाख गावों को आरंभिक चरण में 2000-21 के दौरान कवर किया जाएगा । इस योजना के शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के गांवों के साथ-साथ से पंजाब तथा राजस्थान के सीमावर्ती कुछ गांव शामिल होंगे। पंजाब और राजस्थान में नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा ।